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ADA अफसरों ने “नरकपुरी-बदबू विहार” के फाड़े बैनर-बोले पहले टैक्स जमा करें  फिर विकास होगा

ADA अफसरों ने “नरकपुरी-बदबू विहार”  के फाड़े बैनर-बोले पहले टैक्स जमा करें  फिर विकास होगा

बारिश ने बिगाड़ी ताज नगरी की सूरत

आगरा –  आगरा के ताजमहल की सूरत और सीरत एकदम चकाचौंध वाली क्यों ना हो, लेकिन शहर के अंदरूनी हालाता वैसे नहीं हैं जैसी छवि आगरा की दिखाई जाती है. अगर किसी को आगरा की ज़मीनी हकीकत जाननी है तो शास्त्रीपुरम, अवधपुरी और दौरेठा पहुंचे . वहां पर आपको आगरा की एक अलग ही तस्वीर दिखाई देगी. दरअसल, सरकारी अधिकारियों को आगरा और UP की तस्वीरों में कोई फर्क ही नहीं दिखाई नहीं देता. बस यही कारण है जब पूरे देश में इन कॉलोनियों के बारे में खबरें फैलने लगी तो आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बैनरों को फाड़ना शुरू कर दिया. और अधिकारियों ने बताया कि पहले टैक्स जमा कराएं उसके बाद विकास के बारे में सोचा जाएगा.

अवधपुरी और दौरेठा क्षेत्र की छह कॉलोनियों के हालात तो नहीं बदले, लेकिन लोगों ने बदले नाम के पोस्टर बैनर जरूर फाड़ दिए. क्षेत्रीय लोगों की समस्याओं के समाधान की जगह ADA  की सचिव ने लोगों को चेतावनी दी कि दोबारा ऐसे नामों वाले पोस्टर ना लगाएं. विकास कार्य कैसे अगर टैक्स नही दिया तो ,ADA अफसरों के इस रवैये से लोगों में आक्रोश है. दौरेठा नंबर एक और दो की छह कॉलोनियों में जलभराव, सड़कों पर गड्ढे और नाला चोक होने के कारण समस्याएं झेल रहे लोगों ने हफ्तेभर पहले अपनी कॉलोनियों के नाम बदल दिए थे. जगह-जगह पोस्टर और बैनर लगा दिए. सोमवार को ADA सचिव गरिमा सिंह अधिकारियों के साथ पहुंची और सभी पोस्टर फाड़ दिए, जिन पर कॉलोनियों के नाम बदले गए थे.

नाम पर आपत्ति

भगवान नगर के अनिल तिवारी ने बताया कि 14 साल से नारकीय हालात में रह रहे हैं. ADA की सचिव को बोर्ड पर ‘नरकपुरी’ नाम पसंद नहीं आया, हम जिस हालात में रह रहे हैं, उसे बदलने का ख्याल नहीं आया.

‘अधिकारी रहकर दिखा दें’

अवधपुरी के महेंद्र सिंह ने बताया कि नरक से मुक्ति भी न दिलाएंगे और विरोध का हक भी छीन लेंगे. यह अंधेरगर्दी है. ADA के अधिकारी बोर्ड हटाने से पहले एक दिन ऐसे हालात में रहकर दिखा दें. अवधपुरी के राजेंद्र सिंह ने बताया कि ADA ने  कहा कि पहले विकास शुल्क जमा करें, तब काम कराएंगे. ADA सचिव गरिमा सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में लेखपाल, अमीनों से कहा है कि निर्विवाद जगह की माप करें ताकि सड़कों, नालों के निर्माण की योजना बन सके.

-भारत एक्सप्रेस

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