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अडानी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड (AICTPL), मुंद्रा में अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। नवंबर महीने में 3 लाख से ज्यादा कंटेनरों को सफलतापूर्वक संभाला। एआईसीटीपीएल ने नवंबर में 97 जहाजों में 3 लाख 431 टीईयू को संभालकर एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया यानि हर दिन लगभग 10 हजार टीईयू। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर कार्गो बेस क्या है कोयले, लौह अयस्क या पेट्रोलियम जैसी कुछ ही वस्तुओं पर निर्भर अपने समकक्ष से अलग मुंद्रा पोर्ट पर बहु कार्गो सुविधाएं विकसित की गईं।
आज यह उर्वरक, कृषि उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, कपड़ा, खनिज, स्टील, ऑटोमोबाइल पार्ट्स और कोयला जैसी सभी वस्तुओं के परिवहन को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा है। यह पोर्ट पाइपलाइन के माध्यम से एसपीएम (सिंगल प्वाइंट मूरिंग) से कच्चे तेल को मैनेज करता है।
ऑपरेशनल एफिशिएंसी की बात करें तो शिपिंग लाइनें, फ्रेट फॉरवर्डर और कार्गो एजेंट मुंद्रा पोर्ट की लक्षित मार्केटिंग, कस्टम मूल्य निर्धारण अनुबंध, ग्राहकों से संपर्क की आक्रमक रणनीति और लॉजिस्टिक क्षेत्र में सक्रिय सभी एजेंसियों के साथ मजबूत नेटवर्क के बारे में बात करते हैं। इसकी तेज कार्गो निकासी व्यवस्था और न्यूनतम वापसी समय जैसी कार्यप्रणाली को काफी सराहा जाता है। यही नहीं, पायलटिंग, बर्थेज और बंकरिंग जैसी कई गतिविधियों के लिए सुचारु सिंगल-विंडो व्यवस्था के बारे में भी सकारात्मक धारणा है।
मुंद्रा पोर्ट की इस सेवा को सभी प्रतिस्पर्धी बंदरगाहों की तुलना में स्पष्ट रूप से बेहतर माना जाता है। अदाणी समूह मुंद्रा पोर्ट के विकास, विस्तार और निवेश करने की रणनीति पर काम कर रहा है। तांबा अयस्क और ग्रीन हाइड्रोजन को संभालने के लिए नए टर्मिनल विकसित करना अगला लक्ष्य है। आंतरिक हिस्सों में विशाल विनिर्माण और सेवा इकाइयां विकसित की जाएंगी।
यही नहीं, डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन और ग्रीन जैसी आधुनिक पहल भी इसकी भविष्य की योजनाओं में शामिल हैं। इस बीच, एपीएसईजेड ने कार्गो वॉल्यूम में 36 MMT पर सालाना आधार पर 42% की मजबूत वृद्धि दर्ज की। कंपनी ने कहा कि सभी तीन व्यापक कार्गो श्रेणियों में वृद्धि देखी गई, जिसमें ड्राई बल्क (60 प्रतिशत से अधिक साल-दर-साल), कंटेनर (26 प्रतिशत से अधिक) और तरल पदार्थ और गैस (23 प्रतिशत से अधिक) शामिल हैं। अडानी पोर्ट्स और एपीएसईजेड ने वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती आठ महीनों में अप्रैल से नवंबर तक 275 एमएमटी कार्गो को संभाला, जो साल-दर-साल 21 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी ने कहा कि यह उसके पूरे साल की रेंज 370-390 एमएमटी के 70 प्रतिशत से अधिक है। मजबूत कार्गो वृद्धि के अलावा, एपीएसईज़ेड के लॉजिस्टिक्स बिजनेस सेगमेंट ने एक मजबूत प्रदर्शन दिया है, जिसमें रेल बीस-फुट समकक्ष इकाइयों (टीईयू) में वृद्धि दर्ज की गई है।
यह उपलब्धि न सिर्फ समुद्री उद्योग में कंपनी ही नहीं बल्कि मुंद्रा बंदरगाह की स्थिति को मजबूत करती है। इसके अलावा, एपीएसईज़ेड के दो अन्य बंदरगाहों, धामरा और एन्नोर ने भी 3.96 एमएमटी और 65,658 टीईयू को संभालते हुए महीने में अपनी उच्चतम मात्रा दर्ज की। अदाणी ग्रुप के मुंद्रा पोर्ट के नाम एक के बाद एक कामयाबी जुड़ते जा रहा है। यह न सिर्फ अदाणी ग्रुप को बड़ा कर रहा है, बल्कि देश के विकास में भी बड़ा योगदान दे रहा है। इस पोर्ट से इसमें काम करने वाले हजारों परिवार की जिंदगी बेहतर हुई है। उनकी सालाना आय में तेजी से वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं, मुंद्रा अब पोर्ट संचालित अर्थव्यवस्था का एक उदाहरण बनकर खड़ा हो गया है, जो औद्योगिक विकास की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करता है।
मुंद्रा पोर्ट में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है। अकेले मुंद्रा पोर्ट हजारोंलोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रहा है। इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा जैसी आवश्यक सुविधाओं में अदाणी मुंद्रा पोर्ट की वजह से इसके आसपास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
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