गुजरात के कांडला स्थित दीनदयाल पोर्ट पर 13 नंबर बर्थ को विकसित करेगा अडानी पोर्ट, DPA के साथ हुआ समझौता
इस परियोजना को APSEZ की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, DPA कंटेनर एंड क्लीन कार्गो टर्मिनल (DPACCCTL) द्वारा प्रबंधित किया जाएगा.
अडानी पोर्ट ने एस्ट्रो ऑफशोर ग्रुप की 80 फीसदी हिस्सेदारी का किया अधिग्रहण, 185 मिलियन डॉलर में हुआ सौदा
APSEZ के CEO अश्विनी गुप्ता ने बताया कि 30 अप्रैल 2024 को खत्म हुए वर्ष तक एस्ट्रो का रेवेन्यू 95 मिलियन डॉलर रहा है जबकि EBITDA 41 मिलियन डॉलर रहा था
मुंद्रा पोर्ट ने अब तक के सबसे बड़े कंटेनर जहाज MSC Anna का स्वागत कर बनाया एक और रिकॉर्ड
डॉक किए गए जहाज, एमएससी अन्ना की लंबाई 399.98 मीटर है - लगभग चार फुटबॉल मैदानों की लंबाई - और 19,200 टीईयू (बीस फुट समकक्ष इकाइयों) को ले जाने की क्षमता के साथ सबसे बड़े कंटेनर जहाजों में से एक है.
Adani Energy Solutions: अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने एस्सार की महान-सीपत ट्रांसमिशन परियोजना का किया अधिग्रहण
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस देश की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी है, जिसकी भारत के 17 राज्यों में उपस्थिति है और 21,182 सर्किट किलोमीटर और 57,011 एमवीए परिवर्तन क्षमता का संचयी ट्रांसमिशन नेटवर्क है.
अडानी पोर्ट ने बनाया नेशनल कीर्तिमान, एक महीने में संभाले 3 लाख कंटेनर, सालाना आधार पर 42 फीसदी का रिकॉर्ड
AICTPL: मुंद्रा पोर्ट की इस सेवा को सभी प्रतिस्पर्धी बंदरगाहों की तुलना में स्पष्ट रूप से बेहतर माना जाता है। अदाणी समूह मुंद्रा पोर्ट के विकास, विस्तार और निवेश करने की रणनीति पर काम कर रहा है।
अडानी ग्रुप की चांदी ही चांदी, इस प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी सरकार से मिला 4600 करोड़ का फंड
अमेरिकी सरकार का संस्थान डीएफसी निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करता है. यह ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे, कृषि और छोटे व्यवसाय और वित्तीय सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करता है.
क्या चीनी बंदरगाहों की तरह भारत में सफलता की कहानी दोहरा सकता है अडानी पोर्ट्स?
अडानी पोर्ट्स की अभूतपूर्व सफलता भारत की आर्थिक उदारीकरण नीतियों की सफलता का प्रतिबिंब है. भारत में अब 7500 किमी लंबी तटरेखा के साथ 12 प्रमुख और 200+ गैर-प्रमुख बंदरगाह हैं.
Adani Ports कार्गो वॉल्यूम महज 329 दिनों में 300 मिलियन मीट्रिक टन के पार, तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड
Adani Ports: बंदरगाहों पर संभाले जाने वाले कार्गो की मात्रा में वृद्धि इस बात का संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही है.