Bharat Express

राजस्थान ही नहीं MP-छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में AAP!

Assembly Elections 2023: दिल्ली, पंजाब और गोवा में जिस तरह कांग्रेस का वोट बैंक आम आदमी पार्टी की तरफ शिफ्ट हुआ, उसे देखते हुए ‘आप’ का ये कदम कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर भी कर सकता है.

bhagwant mann and arvind kejriwal

पंजाब सीएम भगवंत मान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल

Assembly Elections 2023: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) लोक सभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी हुई है. लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा आम आदमी पार्टी की इस चुनावी तैयारी से विपक्षी एकजुटता को झटका लग सकता है. दो दिनों पहले ही कांग्रेस की तरफ से दिल्ली की सभी 7 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया था, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने दो टूक कह दिया कि अगर गठबंधन नहीं करना तो अगली बैठक में शामिल होना समय की बर्बादी होगी. इसके बाद अब आम आदमी पार्टी ने राजस्थान की 200 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है. टकराव की इस स्थिति में ज़ाहिर तौर पर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है.

दिल्ली में कांग्रेस-आप की खींचतान के बीच अरविंद केजरीवाल की नज़रें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर भी हैं. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के CM भगवंत मान शनिवार को रायपुर पहुंच रहे हैं, जहां वे पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे.

इसके बाद दोनों नेता मध्य प्रदेश के रीवा पहुंचेंगे जहां वे रैली को संबोधित करेंगे. साथ ही वे आम आदमी पार्टी की गारंटी की घोषणा कर सकते हैं. हाल ही में ‘आप’ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पंकज सिंह ने पार्टी मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. आप की इस तैयारी से कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है.

ये भी पढ़ें: AI संचालित ‘भाषिणी’ बना रही है सरकार, पीएम मोदी बोले- समाधानों के लिए आदर्श परीक्षण प्रयोगशाला है भारत

आप ने पहले रखी थी शर्त

पहले भी आप ने कांग्रेस के सामने शर्त रखी थी कि अगर कांग्रेस चाहती है कि AAP मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव न लड़े तो पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस को मैदान ख़ाली करना पड़ेगा. वहीं दिल्ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाले अलका लांबा के बयान के बाद आम आदमी पार्टी के तेवर भी नरम नहीं हैं. हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने सफाई देते हुए कहा था कि ऐसी कोई चर्चा बैठक में नहीं हुई थी लेकिन अलका लांबा के बाद संदीप दीक्षित का बयान भी इस दूरी को बढ़ा गया था.

वहीं एक तरफ AAP ने संकेत दे दिया है वो इंडिया गठबंधन की मुंबई में होने वाली मीटिंग से दूरी बना सकती है. दूसरी तरफ राजस्थान के बाद पार्टी की नजरें एमपी और छत्तीसगढ़ पर भी हैं. दिल्ली, पंजाब और गोवा में जिस तरह कांग्रेस का वोट बैंक आम आदमी पार्टी की तरफ शिफ्ट हुआ, उसे देखते हुए ‘आप’ का ये कदम कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर भी कर सकता है.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read