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खाने में थूक मिलाने की घटना: उत्तराखंड में भोजनालयों के रसोई में कैमरे, कर्मचारियों के लिए फोटो आईडी अनिवार्य

Spitting in Foods: उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों में होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, खाने-पीने की दुकान चलाने वालों के साथ मांस व्यापारियों को फोटो पहचान पत्र पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी.

उत्तराखंड (Uttarakhand) की भाजपा सरकार (BJP Govt) ने खाने-पीने की दुकान चलाने वालों (Eateries) के लिए नए नियम बना दिए हैं. नए नियमों के तहत अनिवार्य फोटो पहचान पत्र (Photo ID) और सुरक्षात्मक उपकरण इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. इतना ही नहीं दुकानों बोर्ड लगाकर ये बताना भी जरूरी है कि बेचा जा मांस ‘हलाल’ (Halal) है या ‘झटका’ (Jhatka). नियमों का उल्लंघन करने वाले पर 1 लाख रुपये का भारी भरकम जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है.

उत्तराखंड सरकार ने आतिथ्य और खाद्य उद्योग के लिए नए खाद्य सुरक्षा दिशानिर्देशों जारी कर दिए हैं. त्योहारी सीजन के शुरू होने के साथ ही राज्य के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के निर्देश पर जारी की गई है. इसमें होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, खाने-पीने की दुकान चलाने वालों के साथ मांस व्यापारियों को फोटो पहचान-पत्र पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. ये दिशा-निर्देश ऐसे समय में आए हैं, जब खाद्य पदार्थों में छेड़छाड़ और मिलावट की खबरें स्वास्थ्य संबंधी चिंता का विषय बन गई हैं.

1 लाख रुपये तक का जुर्माना

उत्तराखंड सरकार ने यह कदम पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए ग्राहकों के सामने ‘संचालक, मालिक, प्रबंधक और अन्य संबंधित कर्मचारियों’ के नाम ‘प्रमुखतापूर्वक’ प्रदर्शित करना अनिवार्य करने के कुछ सप्ताह बाद उठाया है. देहरादून पुलिस ने पिछले सप्ताह मसूरी में चाय की केतली में थूकने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उत्तराखंड में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 25,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसमें कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए पूरे राज्य में नियमित छापेमारी और नमूने लिए जा रहे हैं.

दिशा-निर्देशों में क्या कहा गया

उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव और FDA आयुक्त आर. राजेश कुमार द्वारा हस्ताक्षरित दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘हाल ही में राज्य के विभिन्न हिस्सों में खाद्य और पेय पदार्थों में मानव अपशिष्ट और गंदगी की मिलावट की घटनाएं सामने आई हैं. ऐसी प्रथाएं खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 का घोर उल्लंघन हैं.’ इन दिशा-निर्देशों में धूम्रपान, थूकना या भोजन को संभालते समय शरीर के अंगों को खरोंचने जैसी अस्वास्थ्यकर आदतों को नियंत्रित करने के महत्व पर जोर दिया गया है.

चिकित्सा प्रमाण-पत्र रखना अनिवार्य

एसओपी में उत्तराखंड भर में खाद्य प्रतिष्ठानों में बेहतर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय शामिल हैं. एक महत्वपूर्ण आवश्यकता यह है कि खाद्य प्रतिष्ठानों को खाद्य-संबंधी गतिविधियों में संक्रामक रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को काम पर नहीं रखना चाहिए.

खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य व्यवसाय संचालकों का लाइसेंसिंग एवं पंजीकरण) विनियम, 2011 के अनुसार, संचालकों को हमेशा कर्मचारियों की सूची और उनके चिकित्सा प्रमाण-पत्र बनाए रखना अनिवार्य है.

लाइलेंस नियमों का पालन जरूरी

एसओपी के अनुसार, खाद्य व्यवसायों को अपने लाइसेंस को प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करना होगा, उत्पादन, कच्चे माल के उपयोग और बिक्री के सटीक दैनिक रिकॉर्ड सुनिश्चित करने होंगे तथा खाद्य उत्पादों को हानिकारक पदार्थों से दूषित होने से रोकना होगा. इसके अलावा उचित लाइसेंस के बिना संचालित होने वाले खाद्य व्यवसायों को लाइसेंसिंग विनियमों का तुरंत अनुपालन करना होगा तथा उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

-भारत एक्सप्रेस



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