
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है.
राज्य सरकार के ‘बस्तर पंडुम’ महोत्सव के समापन समारोह में बोलते हुए अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की रणनीति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि नक्सली अब आदिवासी समुदाय के विकास में बाधा नहीं बन सकते और उनसे हथियार छोड़ने की अपील की.
“जिन नक्सलियों ने यह समझ लिया है कि विकास के लिए बंदूक, आईईडी और ग्रेनेड की जरूरत नहीं है, बल्कि कंप्यूटर और कलम की जरूरत है, उन्होंने आत्मसमर्पण किया है,” शाह ने कहा.
नक्सलियों के आत्मसमर्पण की स्थिति
शाह ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक 521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 2024 में यह संख्या 881 रही थी. यह दर्शाता है कि अधिक लोग अब मुख्यधारा में लौटने को तैयार हैं.
बस्तर के विकास के लिए सरकार की योजनाएं
गृह मंत्री ने कहा, “बस्तर में शांति तभी संभव है जब बच्चे स्कूल जाएं, माताओं के स्वास्थ्य की चिंता हो, और हर गांव में दवाखाना और अस्पताल हों.” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर घर में 7 किलो चावल मुफ्त पहुंचाने, सभी के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
नक्सल मुक्त गांवों को सरकार की विशेष सौगात
शाह ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के साथ मिलकर घोषणा की कि जो गांव नक्सलियों के आत्मसमर्पण में मदद करेंगे और खुद को माओवादी मुक्त घोषित करेंगे, उन्हें 1 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों की सौगात दी जाएगी.
बस्तर पंडुम महोत्सव की राष्ट्रीय स्तर पर योजना
महोत्सव की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि अगले वर्ष इसे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा. इसके साथ ही, उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अनुरोध किया कि वह इसके उद्घाटन समारोह में शामिल होकर आदिवासी भाई-बहनों को आशीर्वाद दें.
नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम संदेश
अमित शाह ने यह भी कहा, “वो जमाना चला गया जब यहां पर गोलियां चलती थी, बम धमाके होते थे. जिनके हाथों में हथियार हैं, उनसे विनती करता हूं कि हथियार डालकर मेनस्ट्रीम में आइए क्योंकि आप हमारे अपने हैं.”
ये भी पढ़ें: बिहार समेत इन चार राज्यों को मोदी सरकार ने दी 1300 करोड़ रुपये की आपदा-राहत सहायता, लू-गर्मी से भी होगा बचाव
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.