मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों पर निशाना साधते हुए भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया की तुलना भक्त प्रहलाद से कर दी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश और बच्चों की सेवा करने वालों को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है.
सीएम केजरीवाल ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि जैसे हिरण्यकश्यप प्रह्लाद को भगवान की पूजा करने से नहीं रोक सका, वैसे ही आज के प्रह्लाद को भी नहीं रोका जा सकता. उन्होंने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया की तुलना परोक्ष तौर पर भक्त प्रह्लाद से की.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘हिरण्यकश्यप अपने आपको भगवान मान बैठा था. उसने प्रह्लाद को ईश्वर की राह से रोकने के अनेक प्रयत्न किये, ज़ुल्म किये. आज भी कुछ लोग अपने आपको भगवान मान बैठे हैं. देश और बच्चों की सेवा करने वाले प्रह्लाद को कारागृह में डाल दिया पर न प्रह्लाद को वे तब रोक पाये थे, न अब रोक पायेंगे.’’
हिरण्यकश्यप अपने आपको भगवान् मान बैठा था।
उसने प्रह्लाद को ईश्वर की राह से रोकने के अनेक प्रयत्न किये, ज़ुल्म कियेआज भी कुछ लोग अपने आपको भगवान मान बैठे हैं। देश और बच्चों की सेवा करने वाले प्रह्लाद को कारागृह में डाल दिया
पर न प्रहलाद को वो तब रोक पाये थे, न अब रोक पायेंगे
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 10, 2023
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से अरविंद केजरीवाल लगातार पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. केजरीवाल का कहना है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी केंद्र के इशारे पर की गई है और आबकारी नीति मामले में कोई घोटाला नहीं हुआ है. वहीं ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने लेटर लिखकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था.
जेल से सिसोदिया ने लिखा खत
अपने लेटर में सिसोदिया ने कहा, “जेल के अंदर से देख पा रहा हूं कि जब राजनीति में सफलता जेल चलाने से मिल जा रही है तो स्कूल चलाने की राजनीति की भला कोई जरूरत क्यों महसूस करेगा. सत्ता के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को जेल भेजना, बच्चों के लिए शानदार स्कूल-कॉलेज खोलने से कहीं ज्यादा आसान है. एक बार शिक्षा की राजनीति राष्ट्रीय फलक पर आ गई तो जेल की राजनीति हाशिए पर ही नहीं जाएगी, बल्कि जेलें भी बंद होने लगेंगी?” सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में जेल की राजनीति भले ही सफल होते दिख रही है, लेकिन भारत का भविष्य स्कूल की राजनीति में है.
-भारत एक्सप्रेस