Kejriwal vs congress
Opposition Meeting: अगले साल होने वाले आम चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को कैसे हराना है, इस मुद्दे को लेकर बिहार की महागठबंधन सरकार ने 23 जून को पटना में होने वाली विपक्ष की सबसे महत्वपूर्ण बैठक की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. धीरे-धीरे विपक्ष के नेता राजधानी पटना में जुटने लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक, देशभर से लगभग 15 राजनीतिक दल इस महत्वपूर्ण बैठक का हिस्सा होंगे. हालांकि, इस बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने धमकी दी है कि अगर कांग्रेस दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश का विरोध नहीं करती है तो वो कल होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे.
बिखरे विपक्ष को साथ लाने के प्रयास को लगा झटका
आम आदमी पार्टी के इस कदम से बिखरे हुए विपक्ष के एक साथ आने और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने के प्रयासों को झटका लगा है. केजरीवाल ने कहा, “कांग्रेस को दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर हमारा समर्थन करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम विपक्षी बैठक का बहिष्कार करेंगे और भविष्य में होने वाली विपक्षी बैठकों से दूर रहेंगे.”
बता दें कि पिछले महीने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने दिल्ली के नौकरशाहों पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश जारी किया था. जिसके बाद से केजरीवाल विपक्षी दलों से समर्थन मांग रहे हैं. उन्होंने कई बार कांग्रेस के आलाकमान को पत्र लिखा, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है.
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कांग्रेस ने किया पलटवार
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस शुक्रवार को विपक्ष की बैठक में अध्यादेश पर अपना रुख साफ करेगी. केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने और इसे संसद के माध्यम से कानून बनने से रोकने के प्रयास में गैर-भाजपा दलों के नेताओं तक पहुंच रहे हैं. इस अभियान में सबसे बड़ी बाधा कांग्रेस रही है.
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने केजरीवाल के अल्टीमेटम पर कटाक्ष करते हुए कहा, “केजरीवाल जी, कोई भी आपको मिस नहीं करेगा. आप छोड़ने के बहाने ढूंढ रहे थे… यह बैठक उन लोगों के लिए नहीं है जो सौदे करते हैं.
-भारत एक्सप्रेस