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ममता और लालू यादव के कार्यकाल में हर दिन होती थीं रेल दुर्घटनाएं, आज 700 से घटकर 80 से भी कम हुईं- अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्रालय के कामकाज पर बहस का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि 2005-06 में जब आरजेडी सुप्रीमो लालू मंत्री थे, तब 698 दुर्घटनाएं और पटरी से उतरने की घटनाएं हुई थीं.

Union Minister Ashwini Vaishnav

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव. (फाइल फोटो)

ममता बनर्जी और लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान औसतन हर दिन एक और दो दुर्घटनाएं या पटरी से उतरने की घटनाएं होती थीं, अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के रेल दुर्घटनाओं की हालिया घटनाओं पर हमलों के बीच यह बात कही.

लोकसभा में रेलमंत्री ने दिया जवाब

रेल मंत्रालय के कामकाज पर बहस का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि 2005-06 में जब आरजेडी सुप्रीमो लालू मंत्री थे, तब 698 दुर्घटनाएं और पटरी से उतरने की घटनाएं हुई थीं. उन्होंने कहा, “टीएमसी प्रमुख बनर्जी के कार्यकाल में 395 दुर्घटनाएं और पटरी से उतरने की घटनाएं हुई थीं, जबकि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे के रेल मंत्री रहने के दौरान दुर्घटनाओं और पटरी से उतरने की घटनाएं 38 थीं.”

पहले रोज होती थीं घटनाएं

वैष्णव ने कहा, “जहां पहले औसतन प्रतिदिन एक दुर्घटना होती थी, आज यह संख्या घटकर मात्र 30 दुर्घटना प्रति वर्ष रह गई है. अगर हम 43 दुर्घटनाएं भी शामिल कर लें तो भी कुल दुर्घटनाएं 73 होती हैं. इसका मतलब है कि जो संख्या पहले लगभग 700 थी, वह अब घटकर 80 से भी कम रह गई है, जो कि 90% की उल्लेखनीय कमी है.”

उन्होंने कहा कि बिहार के सारण जिले में मरहौरा कारखाने से जल्द ही लगभग 100 इंजनों का निर्यात किया जाएगा. रेल मंत्री ने कहा कि हालांकि लालू प्रसाद ने कारखाना स्थापित करने की घोषणा की थी, लेकिन यह “निष्क्रिय” रहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद ही इस पर काम शुरू हुआ.

मेड इन बिहार इंजन का बजेगा डंका

उन्होंने कहा कि ‘मेड इन बिहार’ इंजन जल्द ही दुनिया भर के गंतव्यों तक पहुंचेंगे. भारत से ट्रेन और इंजन आयात करने वाले देशों की सूची पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि मेट्रो कोच ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किए जा रहे हैं, जबकि ट्रेन के डिब्बे यूके, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को भेजे जा रहे हैं. इसी तरह, भारत फ्रांस, मैक्सिको, रोमानिया, स्पेन, जर्मनी और इटली को प्रणोदन प्रणाली निर्यात कर रहा है.

उन्होंने कहा कि रेलवे की वित्तीय स्थिति अच्छी है और इसमें निरंतर सुधार के प्रयास जारी हैं. वैष्णव ने कहा कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने कोविड महामारी से संबंधित चुनौतियों पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया है और यात्री और माल ढुलाई दोनों में वृद्धि देखी जा रही है. उन्होंने कहा, “रेलवे अच्छे प्रदर्शन के कारण अपनी आय से अपने खर्चों को पूरा कर रहा है… कुल मिलाकर, वित्तीय स्थिति अच्छी है और हम इसे लगातार सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.”

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मंत्री ने कहा कि प्रति किमी ट्रेन यात्रा की लागत लगभग 1.4 रुपये है, लेकिन यात्रियों से केवल 73 पैसे लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस साल 1,400 इंजनों का उत्पादन किया गया, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है और 31 मार्च तक भारतीय रेलवे 1.6 बिलियन टन माल ढुलाई के साथ दुनिया के शीर्ष तीन मालवाहकों में शामिल हो जाएगा.
रेलवे द्वारा जनरल और नॉन-एसी कोच कम करने के आरोपों का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि जनरल कोचों की संख्या एसी कोचों की तुलना में 2.5 गुना बढ़ाई जा रही है. उन्होंने कहा, “मौजूदा उत्पादन योजना के तहत 17,000 नॉन-एसी कोचों का निर्माण किया जाना है.”

-भारत एक्सप्रेस



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