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बाल विवाह पर काबू पाने के लिए असम सरकार लड़कियों को देगी मासिक भत्ता

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वा शर्मा ने कहा कि विवाहित लड़की को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. वे विवाहित लड़कियां अपवाद होंगी, जो पीजी पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रही हैं, उन्हें भी लाभ मिलेगा.

Himanta Biswa Sarma

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो: IANS)

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वा शर्मा ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी सरकार बाल विवाह पर काबू पाने के लिए अगले पांच वर्षों तक कक्षा 11 से स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई करने वाली सभी लड़कियों को मासिक भत्ता देगी.

10 लाख लड़कियों को प्रोत्साहन

शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कैबिनेट ने ‘निजुत मोइना’ योजना को मंजूरी दी है और अनुमान है कि लगभग 10 लाख लड़कियों को प्रोत्साहन देने के लिए पांच साल में 1,500 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी.

उन्होंने कहा, ‘विवाहित लड़की को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. वे विवाहित लड़कियां अपवाद होंगी, जो पीजी पाठ्यक्रमों में पढाई कर रही हैं, उन्हें भी लाभ मिलेगा.’

शर्मा ने कहा कि इस योजना का एकमात्र उद्देश्य लड़की की शादी में जल्दबाजी को रोकना है, ताकि वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सके और अपने तथा अपने परिवार के लिए कमाई शुरू कर सके.

ये योजना में शामिल नहीं

उन्होंने जोर दिया कि इस योजना से लड़कियों के सकल दाखिला अनुपात में काफी वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि कक्षा 11 और 12 में पढ़ने वाली सभी छात्राओं को हर महीने 1,000 रुपये मिलेंगे, जबकि डिग्री छात्राओं को 1,250 रुपये और पोस्ट-ग्रेजुएशन की छात्राओं को 2,500 रुपये होंगे.

उन्होंने कहा, ‘मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की बेटियों और निजी कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को छोड़कर, सभी लड़कियों को इस योजना में शामिल किया जाएगा, भले ही उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। जून और जुलाई में गर्मी की छुट्टियों के दौरान कोई राशि नहीं दी जाएगी। छात्राओं के बैंक खातों में साल में 10 महीने भत्ता जमा किया जाएगा.’

-भारत एक्सप्रेस

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