दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी.
दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने सोमवार (21 सितंबर) को अपना पदभार संभाला लिया. हालांकि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही आतिशी चर्चा में आ गईं. दरअसल, जिस कुर्सी पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठते थे, उसे उन्होंने खाली रखा है, जिसके बाद अब इस पर सियासत शुरू हो गई है. भाजपा ने आतिशी के बगल में कुर्सी खाली रखने को लेकर कटाक्ष किया है. भाजपा ने उनके इस कदम को चमचागिरी करार दिया है.
दिल्ली भाजपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक पोस्ट में कहा, ‘आज जिस तरह फिर एक बार AAP के चरित्र के अनुसार दिखावा किया जा रहा है और भ्रष्टतंत्र पर पर्दा डालने का प्रयास हो रहा है यही आप का वास्तविक चेहरा है; जिस नौटंकीबाजी और चमचागिरी को करने में आतिशी लगी हैं, इस तरह सरकारें नहीं, सिर्फ नौटंकी कंपनियां चलती हैं.’
चमचागिरी की पराकाष्ठा
उन्होंने कहा, ‘आतिशी ने आज संविधान के साथ खेलने की कोशिश की है, जिस तरह से उन्होंने 2 कुर्सी दिखाई है, ये सीधा-सीधा संवैधानिक नियमों का उल्लंघन है, संवैधानिक पद का मजाक बनाना एक संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता. AAP चमचागिरी की पराकाष्ठा में यहां तक गिर गई हैं कि आपको संवैधानिक नियमों और कायदे कानून का ज्ञान तक नहीं है.’
आज जिस तरह फिर एक बार AAP के चरित्र के अनुसार दिखावा किया जा रहा है और भ्रष्टतंत्र पर पर्दा डालने का प्रयास हो रहा है यही आप का वास्तविक चेहरा है; जिस नौटंकीबाज़ी और चमचागिरी को करने में @AtishiAAP लगी हैं, इस तरह सरकारें नहीं सिर्फ़ नौटंकी कंपनियाँ चलती हैं।
आतिशी मार्लेना ने… pic.twitter.com/rgaELumDmq
— Virendraa Sachdeva (@Virend_Sachdeva) September 23, 2024
वे कहते हैं, ‘आपको चमचागिरी करनी है तो आप स्वतंत्र हैं, लेकिन कम से कम मुख्यमंत्री की कुर्सी और कार्यालय को छोड़कर यह सब कीजिए. एक भ्रष्टाचारी जो कि जमानत पर छूटा है, आपकी चमचागिरी, ईमानदारी का टैग लगाकर उसे ईमानदार साबित नहीं कर पाएगी.’
आतिशी नौटंकी में नंबर वन हैं
भाजपा के वरिष्ठ नेता टॉम वडक्कन ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में ‘आप’ का सफाया हो गया, लेकिन इससे कोई सबक नहीं मिला. अभी तो उन्होंने कुर्सी खाली रखी है, हो सकता है बाद में उनकी चप्पल रखे. जैसे रामायण में हुआ था. आतिशी नाटक और नौटंकी में नंबर वन हैं.’
दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली की नई मुख्यमंत्री ऐसी चालें चलती रहेंगी, क्योंकि उनकी अपनी कोई हैसियत नहीं है और वह अरविंद केजरीवाल के समर्थन से मुख्यमंत्री बनी हैं. वह एक कठपुतली सीएम हैं, केजरीवाल की वह कठपुतली हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि रिमोट कंट्रोल केजरीवाल के हाथ में है. जब तक उन्हें अदालत की तरफ से दोषी नहीं ठहराया जाता, यह नाटक चलता रहेगा.
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ये ड्रामा बंद होना चाहिए
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आतिशी की फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘दिल्ली में ये ड्रामा बंद होना चाहिए. आज आतिशी ने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार संभाला. यानी आतिशी दिल्ली सरकार की मनमोहन सिंह हैं और असली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फाइल साइन करना तो दूर दिल्ली सचिवालय जाने से भी रोक दिया है. ये बाबा साहेब के बनाए संविधान का मखौल है. मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ आतिशी ने ली है, खाली कुर्सी पर बैठे केजरीवाल के भूत ने नहीं.’
दिल्ली में ये ड्रामा बंद होना चाहिए। आज आतिशी मार्लेना ने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार संभाला।
यानी आतिशी दिल्ली सरकार की मनमोहन सिंह हैं और असली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फाइल साइन करना तो दूर, दिल्ली सचिवालय जाने से… pic.twitter.com/HKy2xPpu0u
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 23, 2024
चार महीने बाद इस कुर्सी पर बैठेंगे केजरीवाल: सीएम आतिशी
इससे पहले आतिशी ने एक्स पोस्ट पर सीएम पद संभालने के बाद लिखा, ‘आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है. आज मेरे मन में वो ही व्यथा है, जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन संभालना पड़ा था. जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला, वैसे ही मैं 4 महीने दिल्ली की सरकार चलाऊंगी.’
आतिशी ने कहा कि भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है. अरविंद केजरीवाल ने 10 साल के शासन में राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की मिसाल कायम की है. लेकिन, भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल की छवि को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. दो साल से लगातार अरविंद केजरीवाल को बदनाम किया गया. उन पर झूठे केस लगाए गए. उन्हें गिरफ्तार किया गया. अरविंद केजरीवाल को छह महीनों के लिए जेल में रखा गया.
आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सँभाली है। आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन सँभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊँ रख कर अयोध्या का शासन… pic.twitter.com/OkNEgtYIq4
— Atishi (@AtishiAAP) September 23, 2024
केजरीवाल ने क्या कहा था
दिल्ली की सीएम ने कहा कि जब वह जेल से छूटे तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकते थे. लेकिन, उन्होंने कुर्सी पर बैठना ठीक नहीं समझा. केजरीवाल ने कहा था, अगर जनता उन्हें ईमानदार मानती है तो वह उन्हें चुनकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगी.
उन्होंने कहा, ‘फरवरी 2025 में विधानसभा के चुनाव हैं. तब तक यह कुर्सी इस कमरे में ऐसे ही रहेगी और अरविंद केजरीवाल के आने का इंतजार करेगी. जब केजरीवाल जीत कर आएंगे तो वह इस कुर्सी पर बैठेंगे. यह कुर्सी केजरीवाल की है. मुझे विश्वास है कि उन्हें दिल्ली की जनता चुनेगी.’
बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से निकलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. केजरीवाल को हाल ही में दिल्ली की कथित शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस