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मुंबई हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला, लोकल ट्रेनों में लगेंगे ऑटोमैटिक दरवाजे

मुंबई की नॉन-एसी लोकल ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर क्लोज़िंग से जुड़ी वेंटिलेशन समस्या का समाधान करने के लिए रेल मंत्री और ICF की टीम ने नई कोच डिज़ाइन पर निर्णय लिया.

Mumbai local trains

आज मुंबई में हुई दुखद घटना के मद्देनज़र, रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) की टीम के साथ एक विस्तृत बैठक की. इस बैठक का उद्देश्य मुंबई में चलने वाली नॉन-एसी लोकल ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर क्लोज़िंग से जुड़े मुद्दे का व्यावहारिक समाधान खोजना था.

नॉन-एसी ट्रेनों में स्वचालित दरवाज़ों से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या हवा की कमी और दम घुटने की आशंका है, क्योंकि इन कोचों में वेंटिलेशन अपेक्षाकृत कम हो जाता है.  विस्तृत विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि नए नॉन-एसी कोच इस प्रकार डिज़ाइन और निर्मित किए जाएंगे, जिससे वेंटिलेशन की समस्या का समाधान हो सके. इसके लिए तीन प्रमुख डिज़ाइन बदलाव किए जाएंगे:

  • दरवाज़ों में लूवर्स (हवादार पट्टियाँ) लगाए जाएंगे, ताकि बंद दरवाज़ों के बावजूद हवा का प्रवाह बना रहे.
  • कोच की छत पर वेंटिलेशन यूनिट्स लगाई जाएंगी, जो बाहर से ताज़ी हवा अंदर पहुंचाएंगी.
  • कोचों में वेस्टीब्यूल्स होंगे, ताकि यात्री एक कोच से दूसरे कोच में आसानी से जा सकें और भीड़ का संतुलन स्वाभाविक रूप से बन सके.

इस नई डिज़ाइन वाली पहली ट्रेन नवंबर 2025 तक तैयार हो जाएगी. आवश्यक परीक्षणों और प्रमाणन के बाद, इसे जनवरी 2026 तक सेवा में लाया जाएगा. यह प्रयास मुंबई उपनगरीय नेटवर्क के लिए बनाए जा रहे 238 एसी ट्रेनों के अतिरिक्त है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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