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CBI ने बाल यौन शोषण और CSAM मामले में मिजोरम के लालरामपाना को किया गिरफ्तार

CBI ने मिजोरम के आइजोल से नाबालिग के यौन शोषण और बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) निर्माण, संग्रहण व प्रसार के मामले में लालरामपाना को गिरफ्तार किया. त्वरित जांच में पीड़ित बचा लिया गया, डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर मामला दर्ज.

CBI

प्रतीकात्मक तस्वीर.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आज मिजोरम की राजधानी आइजोल से एक व्यक्ति लालरामपाना (निवासी: आइजोल, मिजोरम) को एक अत्यंत गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया है. यह मामला एक नाबालिग के यौन शोषण और बाल यौन शोषण सामग्री (Child Sexual Abuse Material – CSAM) के निर्माण, संग्रहण और ऑनलाइन प्रसार से संबंधित है.

CBI ने यह मामला 30 मई 2025 को दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि आरोपी लालरामपाना नाबालिगों को अश्लील यौन गतिविधियों में दर्शाने वाली CSAM सामग्री बनाता, इकट्ठा करता, सहेजता और इंटरनेट पर अपलोड करता था. साथ ही, उसके कब्जे से बच्चों से संबंधित अश्लील वीडियो और तस्वीरें भी बरामद हुईं, जो भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है.

अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस और साइबर टिपलाइन रिपोर्ट्स से पुष्टि

CBI ने 4 जून 2025 को आरोपी के आवास पर तलाशी ली, जहां से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए. इन उपकरणों की फॉरेंसिक जांच में बड़ी मात्रा में CSAM सामग्री सामने आई. इस डिजिटल डेटा को इंटरपोल के International Child Sexual Exploitation (ICSE) डेटाबेस तथा गूगल द्वारा तैयार किए गए Cyber Tipline Reports (CTRs) के साथ मिलाकर सत्यापित किया गया. ये सूचनाएं गृह मंत्रालय के Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) के माध्यम से CBI को प्राप्त हुई थीं.

डिजिटल साक्ष्य से यह भी पुष्टि हुई कि लालरामपाना ने आइजोल में एक नाबालिग के साथ यौन शोषण किया था. CBI की त्वरित और समन्वित कार्रवाई में उस पीड़ित बच्चे की पहचान की गई और उसे सुरक्षित बचा लिया गया. जांच में यह भी पता चला कि आरोपी ने नाबालिग को धमकाते हुए उसके शोषण की रिकॉर्डिंग की और उसे CSAM सामग्री में बदलकर प्रसारित किया.

महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मामला CBI द्वारा सुओ मोटो (स्वप्रेरणा से) दर्ज किया गया था, क्योंकि पीड़ित या उसके परिजनों ने इस संबंध में किसी भी स्थानीय एजेंसी को शिकायत नहीं दी थी. यह कार्रवाई CBI की साइबर मॉनिटरिंग, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और फॉरेंसिक तकनीक के प्रभावी इस्तेमाल का प्रत्यक्ष उदाहरण है.

CBI ने दोहराया है कि वह बच्चों के खिलाफ ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल आरोपियों को कानून के दायरे में लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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