तेजी से आगे बढ़ रहा है राम मंदिर का निर्माण कार्य (फोटो ट्विटर)
Ayodhya: भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से हो रहा है. वहीं जनवरी में होनें वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भी तैयारी जोरों पर है. इसी बीच राममंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को हुई थी, जिसमें चेयरमैन ने बैठक से पहले राममंदिर समेत अन्य परियोजनाओं का भौतिक निरीक्षण किया और इसके बाद बताया कि दिसंबर तक राममंदिर का तीर्थयात्री सुविधा केंद्र तैयार हो जाएगा और इसमें 25 हजार श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था होगी.
रामजन्मभूमि परिसर स्थित एलएंडटी के दफ्तर में आहुत बैठक में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने जानकारी दी कि, तीर्थयात्री सुविधा केंद्र दिसम्बर तक बनकर तैयार हो जाएगा. यानी जनवरी में होने जा रहे प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ये केंद्र बनकर तैयार हो जाएगा. इसमें 25 हजार श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था होगी. इस सुविधा केंद्र की खासियत बताते हुए उन्होंने बताया कि, इसमें लिफ्ट, रैंप आदि आधुनिक सुविधाएं भी होंगी. पहले दिन की बैठक में मंदिर सहित सभी दस परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट नृपेंद्र मिश्र के समक्ष प्रस्तुत की गई. इस रिपोर्ट के जरिए बताया गया कि मंदिर के भूतल का काम अंतिम स्पर्श की ओर है और तेजी से आगे बढ़ रहा है.
मूर्तिकारी का काम तेज
भूतल में मूर्तिकारी का काम चल रहा है व मंदिर की आंतरिक परिक्रमा की फर्श बनाई जा रही है. परकोटे का काम भी चल रहा है और जहां-जहां परकोटा निर्माण से मंदिर निर्माण कार्य में बाधा नहीं आएगी वहां काम चलता रहेगा, शेष परकोटा निर्माण मंदिर बनने के बाद होगा. बता दें कि बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, निर्माण प्रभारी गोपालजी, ट्रस्ट के इंजीनियर जगदीश आफले सहित कार्यदायी संस्था के इंजीनियर मौजूद रहे.
बनेगा टेंट सिटी
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को जानकारी दी कि अप्रैल माह से लगातार प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बैठकें हो रही हैं और कार्यक्रम को लेकर तैयारी जोरों पर है. शुक्रवार को समिति के 30 सदस्यों के साथ बैठक हुई और प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने वाले ऐसे 25 हजार श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था करने पर बातचीत हुई, जिनके पास रहने-खाने का इंतजाम नहीं होगा. इसलिए ऐसे लोगों के लिए जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया जाएगा तो वहीं रहने के लिए टेंट सिटी बनाकर रहने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही श्रद्धालु खाना खुद भी बना सकें इसके लिए लकड़ी, कोयला, गेंहू, चावल, दाल, तेल आदि का बंदोबस्त भी किया जाएगा और जिला प्रशासन इसका बंदोबस्त करेगा और खर्चा ट्रस्ट उठाएगा.
-भारत एक्सप्रेस