रामलला
Ayodhya Ram Mandir: भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रामलला को गर्मी से बचाने के लिए कूलर लगाया गया है. तो इसी के साथ ही उनको भोग में गर्मी वाले फलों यानी मौसमी फलों के साथ ही दही आदि का भोग लगाया जा रहा है. बता दें कि इस बार भव्य राम मंदिर में विराजमान रामलला की पहली रामनवमी है. इसको देखते हुए मंदिर में तैयारी तेज कर दी गई है. तो वहीं लगातार बढ़ रहे तापमान को देखते हुए रामलला को किसी तरह का कष्ट न हो, इसकी भी व्यवस्था की जा रही है.
मान्यता है कि जिन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है उसमें भगवान का वास होता है. यही वजह है कि गर्मी के मौसम में रामलला की पूरी देखभाल की जा रही है. मान्यता है कि हम सभी इंसानों की तरह की उनको भी हर मौसम का अहसास होता है. इसीलिए 5 साल के बालक रूप में विराजमान रामलला का मंदिर में एक बच्चे की तरह ख्याल रखा जा रहा है. रामजन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने मीडिया को बताया कि गर्भगृह में कूलर की व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से कर दी गई है. उन्होने बताया कि AC भी आ गया है और एक-दो दिन में लगा दिया जाएगा. रामलला को गर्मी से बचाने के लिए उनके राग-भोग में भी बदलाव किया गया है. दही व रबड़ी के साथ ही मौसमी फलों का भी भोग लगाया जा रहा है. वस्त्र भी गर्मी के अनुसार ही पहनाए जा रहे हैं. रामलला को गोटेदार सूत्री वस्त्र पहनाए जा रहे हैं.
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धूमधाम से मनेगी नवरात्रि और रामनवमी
बता दें कि इसी साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा भव्य मंदिर में हुई है. इसके बाद ये उनकी पहली रामनवमी है. इसको देखते हुए बड़ी तैयारी की जा रही है. रामलला के दरबार में नौ दिनों तक विधि विधान से चैत्र नवरात्रि मनाई जाएगी. रामलला के दरबार में कलश स्थापना की जाएगी और नौ दिवसीय अनुष्ठान भी किया जाएगा. 17 अप्रैल को राममंदिर में रामजन्मोत्सव को बड़े रूप में सेलिब्रेट किया जाएगा. मालूम हो कि 500 साल बाद रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान होकर अपना जन्मोत्सव मनाने जा रहे हैं. इसलिए राममंदिर ट्रस्ट की ओर से उत्सव को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां जोरों पर की जा रही है. जन्मोत्सव पर 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा और भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस