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Badlapur Encounter: मारे गए आरोपी अक्षय शिंदे के परिजनों ने मांगी सुरक्षा, वकील बोले- जल्द कराया जाए अंतिम संस्कार

महाराष्‍ट्र के बदलापुर में यौन उत्पीडन के आरोपी अक्षय शिंदे के मारे जाने के बाद से पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. शिंदे का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है, उसके परिजनों ने सरकार से इसकी व्यवस्था करने की गुहार लगाई है.

बदलापुर

बदलापुर एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं

Maharashtra News Today: महाराष्‍ट्र में बदलापुर एनकाउंटर मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं, जिसके बाद से आरोपी अक्षय शिंदे (मृतक) के परिजनों के बयान आ रहे हैं. अक्षय के परिजनों ने अपने लिए खतरा होने की बात करते हुए अब सुरक्षा की मांग की है.

अक्षय के अंतिम संस्कार की व्यवस्था हो: वकील कटारनवारे

अक्षय शिंदे के वकील अमित कटारनवारे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मुझे और अक्षय शिंदे के परिवार वालों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए, क्‍योंकि हमें खतरा है.’ अमित ने बताया कि उन्होंने कल्याण जिला एवं सत्र न्यायालय में गुहार लगाई है कि अक्षय के अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था भी की जाए. जिस जगह पर अक्षय का अंतिम संस्कार किया जाएगा, वहां पर परिवार वालों के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं.”

मीडियाकर्मियों से बातचीत में वकील अमित कटारनवारे ने कहा, “अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के बाद उसके परिवार वाले भी सहमे हुए हैं. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने से पहले ही अक्षय को अपराधी घोषित कर दिया गया और जिस दिन आरोप पत्र दाखिल किया गया, उसी दिन वह एनकाउंटर में मारा गया. इसलिए अक्षय शिंदे के परिवार की भी सुरक्षा की जानी चाहिए.”

गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस को किया गया ईमेल: अमर शिंदे

वहीं, अक्षय शिंदे के रिश्तेदार अमर शिंदे ने कहा, “उन्होंने परिवार की सुरक्षा के लिए डिप्टी सीएम और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक ईमेल किया है. अक्षय के माता-पिता और वकील को सुरक्षा मिलनी चाहिए, क्योंकि उनकी जान को खतरा है.”

महाराष्ट्र पुलिस से हाईकोर्ट ने पूछे कई सवाल

महाराष्ट्र के बदलापुर एनकाउंटर में दुष्कर्म के आरोपी अक्षय शिंदे के मारे जाने को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस से कई गंभीर सवाल पूछे. कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “पुलिस को तो किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए विधिवत रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर आरोपी के सिर पर गोली कैसे लगी? पुलिस को तो बाकायदा ट्रेनिंग में यह सिखाया जाता है कि आरोपी के किस अंग पर गोली चलानी है. ऐसी स्थिति में पुलिस को आरोपी के पैर या हाथ पर गोली चलानी चाहिए थी.”

कोर्ट ने पूछा, “जब यह एनकाउंटर हुआ, तब पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं थे. पिस्तौल बाईं तरफ थी. जब वह (मृतक) गाड़ी में था, तो बंदूक लॉक थी. आरोपी ने पुलिस से जब जबरन बंदूक छीनी, तब वह अनलॉक हो गई.”

– भारत एक्‍सप्रेस

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