सुप्रीम कोर्ट.
Badlapur Students Rape Case: महाराष्ट्र के बदलापुर में बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के बाद बचपन बचाओ नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार की ओर से जारी दिश-निर्देशों को लागू करने की मांग की है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है. कोर्ट 24 सितंबर को याचिका पर सुनवाई करेगा. याचिका पर जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एनके सिंह की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है.
NGO ने याचिका में क्या कहा?
बचपन बचाओ नामक एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी दिश-निर्देशों को मात्र 5 राज्यों ने ही लागू किया है. बाकी राज्य दिश-निर्देशों को जल्द लागू करें इसको लेकर कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे. याचिका में यह भी कहा है कि महाराष्ट्र के बदलापुर में हाल ही में हुई दुःखद घटना, जिसमें दो स्कूली छात्राओं के साथ एक स्टाफ सदस्य द्वारा कथित तौर पर बलात्कार किया गया. यह घटना आंख खोलने वाली घटना है, जो दर्शाती है कि स्कूल प्रबंधन बच्चों के जीवन की रक्षा और सुरक्षा करने में बुरी तरह विफल रहा है.
…तो न होती कोई अप्रिय घटना- याचिकाकर्ता
याचिका में कहा गया है कि अगर इन दिशा-निर्देशो को राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा लागू किया गया होता तो कई अप्रिय घटनाओं को रोका जा सकता था.
कोर्ट ने की थी टिप्पणी
दरअसल याचिका में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और NCPCR की बनाई 2019 की गाइडलाइंस को लागू करने की मांग की गई है. बदलापुर में बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि लड़कों को छोटी उम्र से ही लैंगिक समानता के बारे में शिक्षित करने और संवेदनशील बनाया जाए. साथ ही उनकी मानसिकता को बदलने की जरूरत है.
कोर्ट ने कहा था कि समाज में पुरूष प्रधान की मानसिकता को बदलने के लिए लड़कों को कम उम्र से ही सही और गलत व्यवहार के बारे में सिखाया जाए. कोर्ट ने आगे ऐसी घटनाओं से बचने के लिए स्कूल में पालन करने वाले नियमों की सिफारिश करने के लिए एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिए है. बता दें कि एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन ने स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बनाए निर्देश को पूरे देश में लागू कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 2019 में ही याचिका दाखिल कर रखा है.
-भारत एक्सप्रेस
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