नाव की मदद से बाढ़ से बाहर निकलते लोग
Ghaghra River Water Level Increase in Barabanki: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक बार फिर सरयू (घाघरा) नदी का कहर गांवों पर टूट पड़ा है. इस बार एक-दो नहीं बल्कि 35 गांव घाघरा से घिर गए हैं और उनको अपना घर और गृहस्थी छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. जलस्तर बढ़ने से दो तहसीलों के 35 गांव बाढ़ की चपेट में आने से जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और ग्रामीणों को अपने घर खाली करन के निर्देश दिए गए हैं. तो वहीं बाढ़ से अपनी जान बचाने के लिए लोग अपने जरूरत का समान लेकर गांव से पलायन कर रहे हैं और ऊंचे सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के आंकड़े जुटाने में लगा हुआ है.
नेपाल से छोड़े गए पानी ने मचाई तबाही
बता दें कि पहाड़ी इलाकों व नेपाल में भारी बारिश होने के बाद पहाड़ी नदियों में उफान आने पर नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है. इस वजह से रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के गांव पानी से घिर गए हैं और बुधवार को सरयू नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया. शाम पांच बजे बाढ़ खंड के अधिकारियों ने एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर 106.661 मीटर रिकार्ड किया और इसी के बाद जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को अपने-अपने घर खाली करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही 24 घंटे के लिए बाढ़ चौकियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. तो वहीं बाढ़ प्रभावित गांवों से पलायन शुरू हो गया है लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं. रामनगर तहसील के अपस्ट्रीम तटबंध के सुंदरनगर, बेलहरी, कोडरी, बाबापुरवा, बीसरसंडा, बलाईपुर, ललपुरवा आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से अफरा-तफरी मच गई है. तो वहीं नदी के दूसरी ओर बसे फाजिलपुर, जमका, परशुरामपुर और खुज्ही गांव भी बाढ़ से पूरी तरह से घिर गया है और गांव वाले सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करने लगे हैं.
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अब बन रही है बाढ़ पीड़ितों की सूची
वहीं जानकारी सामने आ रही है कि, तहसीलदार कविता ठाकुर ने अपस्ट्रीम तटबंध पर पहुंच कर बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण किया है. राजस्व टीम तटबंध पर आने वाले परिवारों की सूची तैयार कर रहा है. खबर सामने आ रही है कि, सिरौलीगौसपुर तहसील के तेपरा, तेलवारी, सराय सुर्जन, नव्वनपुरवा,मांझारायपुर, टिटहुआ, कहारनपुरवा, गोबरहा आदि गांव बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और यहां के लोगों ने अपना घर और गृहस्थी छोड़कर अलीनगर- रानीमऊ तटबंध पर बने अस्थाई घरो में जाकर पनाह ली है. वहीं बुधवार को सिरौलीगौसपुर तहसील एसडीएम विश्वमित्र सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है.
बाढ़ का नहीं निकल रहा है स्थाई समाधान
बता दें कि हर साल ही नदी के किनारे रहने वालों को बाढ़ का दंश झेलना ही पड़ता है. तो वहीं आपदा के नाम पर प्रति वर्ष सरकार के खजाने से करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन दशकों से यहां के लोग बाढ़ की समस्या झेल रहे हैं और हर साल ही उनकी गृहस्थी पानी में बह जाती है लेकिन फिर भी बाढ़ का अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला जा सका है.
-भारत एक्सप्रेस