प्रतीकात्मक तस्वीर
UP News: उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से एक रूप को कंपा देने वाली खबर सामने आई है. एक युवक ने आठ साल की बच्ची के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी. इस मामले में दो महीने में ही सुनवाई पूरी कर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.
सूत्रों के मुताबिक, विशेष लोक अभियोजक कुलेश्वर पांडेय (पाक्सो) और विशेष लोक अभियोजक अश्विनी कुमार मिश्रा ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) मधु डोगरा की अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया. उन्होंने बताया कि अदालत ने आरोपी नीम्बू लाल उर्फ नेब्बू लाल (35) को दोषी करार देते हुए उसे जीवन के अंतिम सांस तक जेल में कैद रखने और 75 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश दिया. आदेश में कहा गया है कि जुर्माने की राशि मृतका के परिवार वालों को बतौर क्षतिपूर्ति भुगतान की जाएगी.
पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार हुआ था हत्यारोपी
भदोही के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनिल कुमार ने बताया कि, जिले के एक गांव की वनवासी बस्ती में 15 दिसंबर 2022 की सुबह नग्न अवस्था में आठ वर्षीय बच्ची का शव मिला. बच्ची के साथ बेहद क्रूरता से रेप और अप्राकृतिक दुष्कर्म किया गया था. छानबीन में पता चला कि बच्ची अपने चाचा-चाची के साथ एक शादी में शामिल होने आयी थी. इसी दौरान शराब के नशे में धुत नींबू लाल ने क्रूरतम तरीके से रेप और अप्राकृतिक दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने 12 घंटों के अंदर नीम्बू लाल को ममहर बाजार में संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान नीम्बू लाल के दोनों पैर में पुलिस की गोली लगी थी.
मुकदमा लड़ने को नहीं था कोई तैयार
पुलिस ने बताया कि, नीम्बूलाल के खिलाफ हत्या, रेप, अप्राकृतिक दुष्कर्म और पॉक्सो अधिनियम समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया. जहां से उसे जेल भेजा गया था. एसपी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच पूरी कर आठ जनवरी, 2023 को आरोपपत्र दाखिल कर दिया था. पाक्सो अदालत ने मामले में नौ जनवरी से कार्रवाई शुरू करते हुए नौ फरवरी को आरोपी को दोषी ठहराया और सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए सजा और जुर्माने की घोषणा की थी. विशेष लोक अभियोजक अश्विनी कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपी का मुकदमा कोई वकील लड़ने को तैयार नहीं हुआ, इस पर अदालत के आदेश पर उसे न्याय मित्र की सुविधा दी गयी थी.
-भारत एक्सप्रेस
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