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भारत एक्सप्रेस ने बिल्डर M3M का किया पर्दाफाश…. नहीं दे पाए चैनल के सवालों का जवाब… जानिए पूरा खेल

बता दें कि 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने रियल इस्टेट ग्रुप M3M के निदेशक बसंत बंसल को जून 2023 में गिरफ्तार भी किया था. जांच एजेंसी को M3M ग्रुप और IREO ग्रुप द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला था. ये गिरफ्तारी एक पूर्व जस्टिस और अन्य के खिलाफ कथित रिश्वत मामले से जुड़े धन शोधन मामले में हुई थी.

बुजुर्गों ने कहा है कि जीवन और पैसा तो आने-जाने वाली चीज है. मगर इज्जत ऐसी विरासत है, जो एक बार चली गई तो आसानी से लौटकर नहीं आती. बिल्डर M3M ग्रुप के मालिकों के साथ कुछ ऐसा ही है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी और धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में जेल जाने के बाद शायद M3M ग्रुप के मालिकों को भी अपनी साख पर लगे दाग बहुत परेशान कर रहे हैं.

संगीन आरोपों से घिरी यह कंपनी कहने को तो सैंकड़ों करोड़ो का कारोबार करती है मगर बीते साल जेल में काटा गया वक्त उन्हें अभी भी परेशान कर रहा है. सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई के बाद  M3M ग्रुप के कंट्रोलर और प्रमोटरों  बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल, पंकज बंसल की साख लौटती नजर नहीं आ रही है. कंपनी से जुड़े लोगों की मानें तो बाजार ही नहीं बल्कि खुद से जुड़े लोगों के बीच भी पुरानी शान दिखाने की बेचैनी पार्टी-गॉसिप का हिस्सा बन रही है.

इस कंपनी के खिलाफ ऐसे कई संगीन आरोप है जो आपको भी हैरान कर देंगे. भारत एक्सप्रेस की SIT टीम ने इस माले में छानबीन की और M3M ग्रुप से इस बारे में सवाल भी पूछे. लेकिन जैसी की उम्मीद थी कम्पनी ने इस बारे में कोई तथ्य पेश नहीं किया. आगे हम आपको भारत एक्सप्रेस द्वारा M3M ग्रुप द्वारा धोखाधड़ी की कहानी बताने जा रहे है.

मनी लॉन्ड्रिंग केस में निदेशक बसंत बंसल 2023 में अरेस्ट

बता दें कि 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने रियल इस्टेट ग्रुप M3M के निदेशक बसंत बंसल को जून 2023 में गिरफ्तार भी किया था. जांच एजेंसी को M3M ग्रुप और IREO ग्रुप द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला था. ये गिरफ्तारी एक पूर्व जस्टिस और अन्य के खिलाफ कथित रिश्वत मामले से जुड़े धन शोधन मामले में हुई थी. जांच एजेंसी ने इस मामले के सामने आने के बाद IREO और M3M ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी ने महंगी कारें, ज्वैलरी और कैश बरामद किया था. इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन लोगों को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था.

आर्थिक अपराध और धोखाधड़ी के मामलों में जांच का सामना करने के बावजूद M3M ग्रुप की ट्रिबेका डेवलपर्स के साथ साझेदारी है.

छवि साफ करने की कोशीश

चर्चा है कि कारोबार से जुड़े लोगों में ही नहीं, रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों में भी खुद को वेल-कनेक्टेड दिखाने की कोशिश हो रही है. जिसके लिए अवसरों की तलाश कर नामचीन हस्तियों को जरिया बनाया जा रहा है. भारत एक्सप्रेस को मिली ऐसी ही तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि जेल से लौटने के बाद कंपनी के प्रमोटर पंकज बंसल, खुद के सोशल मीडिया अकाउंट पर लगातार दिग्गज कारोबारियों और राजनीतिक हस्तियों के साथ ली गई खुद की तस्वीरें पोस्ट करके, यह मेसेज देने की कोशिश कर रहे हैं कि अच्छे दिन वापस आ गए हैं.

M3M का गोरखधंधा

रियल एस्टेट इंडस्ट्री में M3M एक बड़ा नाम है. लेकिन उसका असली कारोबार क्या है? आर्थिक अपराध, जमीन की घपलेबाजी, करोड़ों की हेराफेरी और मनीलांड्रिग जैसे कई गंभीर मामलों की सच्चाई क्या है? हमने इस बारे में कम्पनी के निदेशक पंकज बंसल को भारत एक्सप्रेस ने व्हाट्सअप और ईमेल से सवाल भेजकर उनका पक्ष जानना चाहा. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

भारत एक्सप्रेस का रियल्टी चेक

पिछले कुछ दिनों में कंपनी के निदेशक पंकज बंसल के सोशल मीडिया प्रोफाइल पर कुछ तस्वीरें पोस्ट हुई.  जिनमे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से लेकर भारत के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अम्बानी शामिल हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या M3M के निदेशक ने ट्रम्प की सुरक्षा से जुडी एजेंसी अमेरिकी सरकार या अंबानी को यह जानकारी दी थी कि उनके खिलाफ गंभीर आर्थिक अपराध के मामले लंबित हैं और वह ऐसे ही मामलों में जेल भी जा चुके हैं. हमने इस बारे में उनसे सवाल भी किया.  लेकिन कहते हैं ना चोर की दाढ़ी में तिनका, अपेक्षा के अनुरूप उनकी और से कोई जवाब नहीं मिला.

2023 में दर्ज की गई दो FIR में M3M इंडिया, इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस और दूसरे हितधारकों के बीच वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी और संपत्ति अवमूल्यन के आरोप लगाए गए थे. ED ने M3M ग्रुप और उसके निदेशकों के साथ ही एक दूसरे रियल एस्टेट समूह इंडियन रियल स्टेट ऑपरचुनिटीज (IREO) के खिलाफ दिल्ली और गुरुग्राम में रेड डाली थी. ED ने गुरुग्राम में करीब 300 करोड़ रुपये की 88.29 एकड़ जमीन को अस्थायी तौर पर जब्त किया था. मामले में ED की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई की गई थी.

भारत एक्सप्रेस ने सच को सामने लाने के इरादे से इस नामी डेवलपर के खिलाफ जांच और आरोपों की पड़ताल करने के लिए उससे सीधा सवाल किया. लेकिन 48 घंटे बीत जाने के बावजूद भी M3M ग्रुप ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. भारत के कई सवाल हैं जिन्हें जवाब का इंतजार है.

सवाल नंबर 1

  • डोनाल्ड ट्रंप के साथ वायरल तस्वीरों की सच्चाई क्या है?
  • क्या अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को आपने अपने कारगुजारियों की जानकारी दी थी?

सवाल नंबर 2

  • प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी के साथ की तस्वीर को वायरल कराने के पीछे मंशा क्या है?

सवाल नंबर 3

  • आर्थिक अपराध और धोखाधड़ी के मामलों में जांच का सामना करने के बावजूद ट्रिबेका डेवलपर्स के साथ साझीदारी का राज क्या है ?

सवाल नंबर 4

  • S. Infrastructure Private Limited RSIPL द्वारा जमीन की घपलेबाजी से जुड़े क्लिन चिट का सबूत कहां है?

सवाल नंबर 5

  • गुरुग्राम में जब्त की गई 300 करोड़ रुपए की जमीन क्या आपको वापस मिल गई है?

शेल कंपनियों का खेल

ED के मुताबिक M3M ग्रुप ने शेल कंपनियों के जरिए IREO ग्रुप से 400 करोड़ रुपये हासिल किए और इस बड़ी रकम को डेवलपमेंट राइट के जरिए पेमेंट के तौर पर दिखाया, जबकि जमीन M3M समूह की थी और उसकी मार्केट वैल्यू 4 करोड़ रुपये थी. इसके बाद कंपनी ने 10 करोड़ रुपये के पेमेंट के लिए जमीन को 5 शेल कंपनियों Base Realtors, Adi Buildwell, Cygnus Propbuild, Innovative Realtech और Vision Multiplex को बेच दिया.

गबन का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका. इसके बाद शेल कंपनियों ने उसी जमीन के डेवलपमेंट्स राइट्स IREO ग्रुप को करीब 400 करोड़ रुपये में बेच दिए. ED के मुताबिक मामले की जांच में पता चला है कि शेल कंपनियां M3M ग्रुप द्वारा ऑपरेट की जा रही थीं. इन सभी शेल कंपनियों की ऑनरशिप और ऑपरेशन M3M ग्रुप द्वारा किया जा रहा था. जांच एजेंसी के मुताबिक, बंसल ब्रदर्स ने निवेशकों और ग्राहकों से 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की.

ये तो सिर्फ एक मामला है, ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब जानने हैं. भारत एक्सप्रेस आप से कहता है अगर आप भी है M3M ग्रुप से शोषित और आपकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो भारत एक्सप्रेस आपकी आवाज बनेगा. आप हमें इस हेल्पलाइन नंबर 9311091556 पर Whatsapp कीजिए.

300 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन कुर्क हुई

M3M ग्रुप की हेराफेरी का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ. इसी साल जुलाई में ED ने कथित जमीन धोखाधड़ी मामले से जुड़ी धन शोधन जांच के तहत गुरुग्राम में M3M ग्रुप की 300 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत की जमीन कुर्क की है. इस मामले में कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हैं. जमीन को कुर्क करने के लिए ED द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक अंतरिम आदेश जारी किया गया था.

बता दें कि ये करीब 88 एकड़ जमीन गुरुग्राम में हरसरू तहसील के बशारिया गांव में है, जो दिल्ली की सीमा से सटा हुआ है. ED के मुताबिक इस जमीन की कीमत करीब 300.11 करोड़ रुपये है. इस मामले अभी भी हैं और कई सवाल हैं जिनके जवाब जानने हैं

सवाल नंबर 6

  • राजस्थान के भिवाड़ी में ड्राइवर पूरन बहादुर को कंपनी का डायरेक्टर बनाने की सच्चाई क्या है?

सवाल नंबर 7

  • क्या M3M ने 394 करोड़ रुपए  17 कंपनियों में अनैतिक मकसद से डायवर्ट नहीं की थी ?

सवाल नंबर 8

  • क्या 404 करोड़ की जमीन के कमर्शियल इस्तेमाल के लिए IREO ग्रुप ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था ?

सवाल नंबर 9

  • IREO समूह की कंपनियों ने M3M समूह की कंपनियों में बड़ी धनराशि स्थानांतरित क्यों की थी ?

सवाल नंबर 10

  • कंपनी के शेयर और संपत्तियां 726 करोड़ रुपए में क्यों बेच दी गई?

सवाल नंबर 11

  • बिक्री से प्राप्त रकम प्रमोटरों और उनके परिवार के सदस्यों को क्यों दी गई ?

इसके अलावा M3M ग्रुप के खिलाफ गुरुग्राम में पिछले साल जनवरी में शिकायतकर्ता दीपक गुप्ता और मनदीप ढींगरा ने FIR संख्या 308/2024 धारा 409,420,120बी आईपीसी के तहत पुलिस स्टेशन आईएमटी मानेसर ओरियन क्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड (OCL) के सुधीर ढींगरा, पवन गर्ग, M3M इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया.

FIR में आरोप है कि दोनों पक्षों ने मानेसर स्थित 158 एकड़ जमीन का सौदा 485 करोड़ रुपए में तय किया. कथित कंपनी ने पहले से ही उस जमीन पर लोन की सुविधा प्रदान की थी, इसलिए बैंकरों और दोनों पक्षों की सहमति से एक समझौता एक्सीक्यूट किया गया और शिकायतकर्ता ने कथित कंपनी के लोन खाते में टोकन के रूप में 10 करोड़ रुपये जमा किए, लेकिन उन्होंने नियमों और शर्तों का पालन नहीं किया. संबंधित बैंक ने शिकायतकर्ता की 10 करोड़ की राशि वापस कर दी, लेकिन उन्होंने उसे भुनाया नहीं.

कथित कंपनी ने इस जमीन को M3M ग्रुप को 423 करोड़ की रकम में बेच दिया. EoW-1 गुरूग्राम द्वारा मामले की जांच की गई और मामला सिविल प्रकृति का पाया गया. शिकायतकर्ता ने अदालत के समक्ष भी याचिका दायर की थी, जिसे कानून द्वारा वर्जित टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया गया है. राज्य अपराध शाखा, हरियाणा ने मामले की जांच की और एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की. इसकी जांच एससीबी यानी स्टेट क्राइम ब्रांच, हरियाणा द्वारा की जा रही है

सूत्रों के मुताबिक M/S M3M इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा423 करोड़ में हासिल की गई इस विवादित संपत्ति की डील में कद्देवर राजनेताओं की भी भूमिका रही है.


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-भारत एक्सप्रेस



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