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Badhta Bihar Conclave: बिहार में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क का ‘बढ़ता बिहार’ कॉनक्लेव शुरु, जानिए बिहार की सांस्कृतिक विरासत

Bharat Express Badhta Bihar Conclave: बिहार की राजधानी पटना में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से ‘बढ़ता बिहार’ कॉनक्लेव का आयोजन होने जा रहा है. इस कॉनक्लेव में बिहार के दोनों उप मुख्यमंत्री समेत कई दिग्गज राजनेता मौजूद रहेंगे.

Badhta Bihar Conclave Bharat Express

बढ़ता बिहार कॉनक्लेव, भारत एक्सप्रेस.

Bharat Express Badhta Bihar Conclave: बिहार में आज (29 फरवरी 2024) भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क की ओर से ‘बढ़ता बिहार’ कॉनक्लेव का आयोजन होने जा रहा है. यह कार्यक्रम आज दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक राजधानी के चाणक्य होटल आयोजित किया जाएगा. जिसमें भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्ट से जुड़े कई बड़े एंकर मौजूद रहेंगे. कॉनक्लेव में बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, सम्राट चौधरी, पूर्व डीजी अभयानंद के अलावा वर्तमान सरकार में मंत्री, बिजेपी और जेडीयू के तमाम दिग्गज नेता, समाजिक कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रहेगी. जिनसे बिहार में रोजगार, शिक्षा, संस्कृति, जैसे तमाम समाजिक और राजनीतिक विषयों पर सवाल किए जाएंगे. आइए जानते हैं बिहार दुनिया में क्यों प्रसिद्ध है और बिहार की सांस्कृतिक विरासत क्या है?

दुनिया में बिहार किन वजहों के से है प्रसिद्ध?

बिहार की शिल्पकला और पेंटिंग दुनिया में प्रसिद्धि है. मिथिला क्षेत्र की ‘मिथिला पेंटिंग’ और भगलपुर का रेशम उद्योग को देश के तमाम बड़े रेशम उत्पादक केंद्रों में एक माना जाता है. इसके अलावा ‘पटना कमल’ बिहार की प्रसिद्ध चित्रकला है. जिसमें चित्रकारी के जरिए बिहारी जीवन को प्रदर्शित करता है.

इस साल बिहार की शांति देवी को पद्म श्री रे सम्मानित किया गया. साल 1982 में पहली बार मिथिला पेंटिंग को लेकर डेनमार्क गई थीं. जहां उनकी पेंटिंग को खूब सराहा गया था. बिहार में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के अलावा मगही लोक गायन देश में प्रसिद्ध है.

प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां (भारत रत्न) का जन्म बिहार में हुआ था. बिहार के धार्मिक विरासत में बौद्ध का नाम प्रमुख तौर पर लिया जाता है. बिहार के गया में बुद्ध को बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसके अलावा बिहार का वैशाली जैन धर्म का मूल माना गया है. कहा जाता है कि 527 ईसा पूर्व महावीर का जन्म इसी स्थान पर हुआ था. जिसके बाद वे वैशाली में 22 वर्षों तक रहे थे.

बिहार का नालंदा विश्वविद्यालय, दक्षशिला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय माना जाता है. गुप्त काल (5वीं शताब्दी) के दौरान इसकी स्थापना की गई थी. दुनिया में शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय को माना गया है.

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