बिहार में बाढ़
Bihar Flood News: बिहार में कोसी और गंडक सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं. प्रदेश के 16 जिलों के 31 प्रखंड के चार लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 12-12 टीमों को तैनात किया गया है.
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, वीरपुर बैराज में कोसी का जलस्राव सोमवार को सुबह छह बजे 2,65,530 क्यूसेक था, जबकि 10 बजे यह घटकर 2,54,385 क्यूसेक हो गया. इसी तरह वाल्मीकिनगर बैराज में सुबह 10 बजे गंडक का जलस्राव भी 1,55,600 लाख क्यूसेक है. इस बीच, प्रदेश की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा नदियों से बाढ़ आई
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण 16 जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 31 प्रखंडों में 152 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत लगभग 4 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.
बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित निष्क्रमित करने के लिए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 12-12 टीमों को तैनात किया गया है. इसके अतिरिक्त वाराणसी से एनडीआरएफ की तीन टीमों को बुलाया गया है.
लोगों के आवागमन के लिए 630 नावों का परिचालन
बताया गया कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने एवं आवागमन के लिए 630 नावों का परिचालन कराया जा रहा है. इसके अतिरिक्त बाढ़ पीड़ितों के लिए 43 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, जिसमे 11 हजार से अधिक लोग शरण लिये हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि नेपाल में भारी वर्षा के कारण रविवार की सुबह पांच बजे कोसी बैराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जलस्राव हुआ था, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है.
जल संसाधन विभाग का दावा है कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीमें दिन-रात तत्पर हैं. हालांकि कई तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है.
— भारत एक्सप्रेस