
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव.
Bihar Fodder Scam: बिहार में 29 साल पहले, 27 जनवरी 1996 को हुए साढ़े 9 अरब रुपये के चारा घोटाले की चर्चा वैसे तो अक्सर होती रही है, लेकिन अब इस घोटाले को लेकर नीतीश सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. प्रदेश के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि घोटाले के 950 करोड़ रुपये की वापसी के लिए सरकार कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. इसके साथ ही इनकम टैक्स, सीबीआई से भी बात की जाएगी.
29 साल बाद भी नहीं हुई रिकवरी
गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट ने चारा घोटाला मामले की जांच सीबीआई को सौंपते वक्त उसे गबन किए गए रुपये को सरकार के खाते में वापस कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे घोटाला करने वाले आरोपियों की संपत्ति जब्त करके वसूला जाना था, लेकिन 29 साल गुजर गए, अभी तक एक भी रुपया सरकार के खजाने में वापस नहीं आया.
आसान नहीं है पैसे की रिकवरी
अब सरकार ने इस मामले में एक बार फिर से सक्रियता दिखाई है. हालांकि ये काम इतना आसान नहीं है, क्योंकि इस घोटाले में बड़े नेताओं से लेकर अफसरों की मिलीभगत है. चारा घोटाले की जांच पटना हाई कोर्ट ने मार्च 1996 में सीबीआई को ट्रांसफर किया था.
बीते 29 सालों में नेता और अफसर जांच के घेरे में आए और जेल भी गए, कई सजायाफ्ता हुए, लेकिन रुपये की वापसी अब तक सरकार के खजाने में नहीं हो पाई. जेल, जमानत और दूसरी कार्रवाइयों का सिलसिला अनवरत चल रहा है, लेकिन रुपयों को लौटाने का टास्क अब भी अधूरा है.
संपत्ति जब्त कर वसूलने थे रुपये
चारा घोटाले के 950 करोड़ रुपये आरोपियों की संपत्तियों को जब्त कर उन्हें नीलाम करके वसूलना था, लेकिन अब तक तो ऐसा नहीं हो पाया है, हालांकि एक बार फिर से नीतीश सरकार की इस पहल से कुछ उम्मीद जरूर दिखाई दे रही है कि घोटालेबाजों से रकम की वसूली की जाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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