
देश के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मश्री और पद्मभूषण से बिहार के उन शख्सियत को भी सम्मानित करने की घोषणा गणतंत्र दिवस के एक दिन पूर्व किया गया है. जिसमें बिहार के जाने माने ब्यूरोक्रेट्स आचार्य किशोर कुणाल, स्वर कोकिल शारदा सिन्हा, और बिहार की राजनीति में जनसंघ से लेकर अंतिम समय तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुशील मोदी, भीम सिंह, हेमंत कुमार, विजय नित्यानंद और निर्मला देवी के नाम की भी घोषणा की गई है.
बिहार कोकिला स्वo शारदा सिन्हा को कला के क्षेत्र में पद्म विभूषण, स्वo सुशील कुमार मोदी को लोक कार्य के क्षेत्र में पद्म भूषण एवं स्वo आचार्य किशोर कुणाल को सिविल सेवा के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित करने की घोषणा पर लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की है.
किशोर कुणाल
पद्मश्री मिलने से किशोर कुणाल पत्नी अनिता कुणाल ने नाराजगी व्यक्त की है. कहा कद व योगदान के हिसाब से पद्मश्री कम माना जा रहा है .
पूर्व आईपीएस अधिकारी और बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष किशोर कुणाल का बीते 29 दिसंबर को निधन हो गया था. उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. आचार्य किशोर कुणाल ने 74 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली थी. किशोर कुणाल अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक थे. सेवानिवृत्ति के बाद किशोर कुणाल समाज सेवा में जुट गए थे. किशोर कुणाल ने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया. बाद में किशोर कुणाल गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी बने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के तौर पर उनकी तैनाती पटना में भी हुई.
उनके कुशल नेतृत्व में महावीर मंदिर ट्रस्ट ने महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना हुई, जहां गरीब और वंचित लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं. पटना में ज्ञान निकेतन विद्यालय की भी स्थापना की. कैमूर पहाड़ियों पर गुप्त काल के एकमात्र विद्यमान मंदिर मुंडेश्वरी भवानी के जीर्णोद्धार में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी पहल और प्रयासों के कारण ही बिहार के पूर्वी चंपारण में दुनिया के सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर का निर्माण शुरू हुआ.
महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर थे. हालांकि उन्हें नीतीश सरकार ने पद्मविभूषण से सम्मानित करने की मांग की थी.
सुशील मोदी
बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले और अखिल भारतीय परिषद से छात्र राजनीति से जुडे उसके बाद भारतीय जनसंघ से होते हुए भारतीय जनता पार्टी में आजीवन जुडे रहे. विधानसभा, विधानपरिषद, लोकसभा और राज्यसभा चारों सदन के सदस्य बने रहने का उन गौरव प्राप्त हुआ. बिहार के NDA सरकार में बतौर उपमुख्यमंत्री के साथ साथ वित्तमंत्री रहे.
शारदा सिन्हा
लोकगायिका के तौर पर और तीन भाषाओं में लोक गीत गाने वाली शारदा सिन्हा को पद्मविभूषण से सम्मानित करने की घोषणा की गई है. बता दें कि इसके पहले भी शारदा सिन्हा पद्मश्री, और पद्मभूषण से सम्मानित की जा चुकी है. हिंदी के अलावे भोजपुरी, वाज्जिका, मैथिली में अपना स्वर दे चुकी हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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