सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court: गुजरात में गोधरा कांड के दौरान हुए बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों की रिहाई को बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करते हुए चुनौती दी थी. आज सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया है. जिसके बाद देश में इस मामले पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल बड़ा सवाल उठा दिया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो कहां जाएंगे?
स्वाती मालीवाल ने अपने ट्वीट में लिखती है ”सुप्रीम कोर्ट ने बिलक़िस बानो की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी. बिलक़िस बानो का 21 साल की उम्र में गैंग रेप किया गया, उसके 3 साल के बेटे & 6 परिवार वालों का क़त्ल कर दिया गया, पर गुजरात सरकार ने उसके सभी रेपिस्ट को आज़ाद कर दिया. अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो कहाँ जाएँगे?”
सुप्रीम कोर्ट ने बिलक़िस बानो की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी। बिलक़िस बानो का 21 साल की उम्र में गैंग रेप किया गया, उसके 3 साल के बेटे & 6 परिवार वालों का क़त्ल कर दिया गया, पर गुजरात सरकार ने उसके सभी रेपिस्ट को आज़ाद कर दिया। अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो कहाँ जाएँगे?
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 17, 2022
2002 में हुआ था गोधरा कांड
गुजरात में साल 2002 में गोधरा कांड के दंगों के दौरान बिसकिस बानो के सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उनके परिवार के 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस मामले में कोर्ट ने 11 आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को 15 साल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया. गुजरात सरकार की माफी नीति के अनुसार सभी दोषियों को रिहा कर दिया गया, जिसके खिलाफ बिलकिस बानो ने समीक्षा याचिका दायर की थी. आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस याचिका को भी खारिज कर दिया गया.
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सरकार ने रिहाई का किया दिया आधार
इस मामले की सुनवाई करते हुए 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सजा 2008 में मिली, इसलिए रिहाई के लिए साल 2014 में गुजरात में बने नियम की जगह 1992 के नियम ही लागू होंगे. 1992 के नियम के तहत गुजरात सरकार ने 14 साल की सजा काट चुके लोगों को रिहा किया था. वहीं इस मामले में पीड़ित बिलकिस बानो का कहना है कि जब मुकदमा महाराष्ट्र में चला, तो नियम भी वहां के लागू होने चाहिए न की गुजरात के.
– भारत एक्सप्रेस
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