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BJP Candidate First List: अटल की कर्मभूमि रही श्रावस्ती से भाजपा ने उतारा ब्राह्मण चेहरा, पिता का राम मंदिर से जुड़ाव, जानें क्यों छोड़ी IPS की नौकरी

माफिया अतीक अहमद ने भी श्रावस्ती से लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गया था. यहां पर हर साल चीन, थाईलैंड नेपाल, जापान, श्रीलंका जैसे देशों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

फोटो-सोशल मीडिया

BJP Candidate First List: लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. शनिवार को देर शाम जारी लिस्ट में भाजपा ने यूपी के लिए 51 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. तो वहीं श्रावस्ती लोकसभा (Shravasti Loksabha) से भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है. यहां से बीजेपी ने साकेत मिश्रा (Saket Mishra) पर भरोसा जताया है और बौद्ध स्थली में कमल खिलाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है. फिलहाल ये तो वक्त ही बताएगा कि वह इस सीट पर कितना सफल हो पाते हैं लेकिन भाजपा में उनकी गहरी पैठ है. उनके पिता का पीएम नरेंद्र मोदी से बहुत ही अच्छे सम्बंध हैं.

बता दें कि, साकेत मिश्रा राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं. नृपेंद्र मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव भी रहे हैं. वर्तमान में वह आयोध्या में श्रीराम मन्दिर न्यास के अध्यक्ष भी हैं. साकेत मिश्रा (53) के पिता नृपेंद्र मिश्रा 1967 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं. तो वहीं वर्तमान में साकेत मिश्रा उत्तर प्रदेश सरकार में विधान परिषद के मनोनीत सदस्य हैं. साकेत मिश्रा के नाम की घोषणा होते ही टिकट के अन्य दावेदारों के समर्थकों के बीच उदासी छा गई है. तो वहीं अक्सर चर्चा में रहने वाली श्रावस्ती लोकसभा सीट पर साकेत को मिली बड़ी जिम्मेदारी को लेकर राजनीतिक गलियारो में चर्चा है कि ये तो भविष्य ही बताएगा कि वह पार्टी से मिली इस जिम्मेदारी पर कितना सफल हो पाते हैं.

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श्रावस्ती का ये है समीकरण

बता दें कि श्रावस्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कर्मभूमि रही है. इसीलिए यहां की सीट भाजपा के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. ये तो जगजाहिर है कि यह भगवान बुद्ध की तपोस्थली है. मान्यता है कि यहां भगवान लवकुश का जन्म हुआ था और यह स्थान विश्व में इतना प्रसिद्ध है कि यहां पर हर साल चीन, थाईलैंड नेपाल, जापान, श्रीलंका जैसे देशों से लाखों और हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. ये तो रही धार्मिक बातें, अगर राजनीति की बात करें तो माफिया अतीक अहमद ने भी यहां से लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गया था. 2009 में यहां पहला लोकसभा चुनाव हुआ, जहां पर कांग्रेस के विनय कुमार पांडेय उर्फ बिन्नू ने 201556 वोट हासिल किए और सांसद बने. उन्होंने बसपा के रिजवान जाहिर को हराया था.

इस तरह चर्चा में आए थे साकेत मिश्रा

फाइनेंस के क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव रखने वाले साकेत मिश्रा को लेकर पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे. इन्वेस्टमेंट बैंकर साकेत मिश्रा का नाम उस समय चर्चा में आया जब लोकसभा चुनाव से पहले श्रावस्ती सीट पर दावेदारों की चर्चा हो रही थी. इसी चर्चा के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको पूर्वांचल विकास बोर्ड का सलाहकार बनाया.

जानें कहां से की पढ़ाई

साकेत मिश्रा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेन्स कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की और इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) कोलकाता से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की. फिर सिविल सेवा की परीक्षा दी और 1994 में IPS बने, लेकिन फ़ाइनेंस सेक्टर की ओर झुकाव होने के कारण इस्तीफ़ा दे दिया और वह कई बैंकों में बड़े पद पर भी रहे.

श्रावस्ती से साकेत का है गहरा नाता

बता दें कि श्रावस्ती साकेत मिश्रा का ननिहाल है. उनके नाना बदलू राम शुक्ला बहराइच से पांच बार के लोकसभा सांसद रहे हैं. 2018 में साकेत भाजपा में शामिल हुए थे. तो वहीं 2014 में भाजपा प्रत्याशी दद्दन मिश्रा ने यहां से अतीक को हराया था और लोकसभा पहुंचे थे तो 2019 में बसपा प्रत्याशी राम शिरोमणि वर्मा के कारण इस सीट से हार मिली थी.

-भारत एक्सप्रेस

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