फोटो-सोशल मीडिया
UP Politics: अयोध्या में प्रभु रामलला अपने जन्म स्थान पर विराजमान हो चुके, लेकिन मंदिर उद्घाटन से पहले शुरू हुआ विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. मजे की बात तो ये है कि इस बार मंदिर उद्घाटन और प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा पर मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने निशाना साधा है, जबकि इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती का किसी भी तरह का बयान सामने नहीं आया है. हालांकि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विपक्षी दलों को भी मंदिर ट्रस्ट की ओर से न्योता भेजा गया था लेकिन कई विपक्षी दलों के नेताओं ने कार्यक्रम में ये कहकर हिस्सा नहीं लिया कि, ये बीजेपी का कार्यक्रम हैं. तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई थी, लेकिन उन्होंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया था.
तो वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर आकाश आनंद ने कार्यक्रम में द्रौपदी मुर्मू के न शामिल होने को लेकर अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें भाजपा पर निशाना साधा है और इसको भाजपा की गलती बताया है. आकाश आनन्द ने लिखा है, “22 जनवरी 2024 की तारीख भारत के इतिहास में दर्ज हो गई है, और बेहतर होता कि आदिवासी समाज से आने वाली देश की राष्ट्रपति आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी भी कार्यक्रम में मौजूद रहती. सिर्फ प्रोटोकॉल में प्रधानमंत्री को सर्वोच्च रखने के लिए बीजेपी की सरकार ने बड़ी गलती कर दी.” आकाश के इस पोस्ट पर लोग तरह-तरह के कॉमेंट कर रहे हैं. कोई उनको इस पूरे मामले से दूर रहने की सलाह दे रहा है तो कोई उनकी बात का समर्थन कर रहा है. मालूम हो कि हाल ही में मायावती ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है और बसपा की कई बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी है. साथ ही वह खुद भी लोकसभा चुनाव आने से पहले पार्टी को फिर से मजबूत करने में जुटी हुई हैं.
22 जनवरी 2024 की तारीख भारत के इतिहास में दर्ज हो गई है, और बेहतर होता कि आदिवासी समाज से आने वाली देश की राष्ट्रपति आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी भी कार्यक्रम में मौजूद रहती।
सिर्फ प्रोटोकॉल में प्रधानमंत्री को सर्वोच्च रखने के लिए बीजेपी की सरकार ने बड़ी गलती कर दी।
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) January 22, 2024
राम मंदिर को लेकर मायावती ने कही थी ये बात
मालूम हो कि सभी राजनीतिक दल के प्रमुख को राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था. इसी क्रम में मायावती को भी निमंत्रण दिया गया था. मायावती ने न्योता स्वीकार कर लिया था, लेकिन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं. हालांकि उन्होंने तब ये ज़रूर कहा था कि बसपा धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. हम सबका स्वागत करते हैं, अगर मैं व्यस्त नहीं हुई तो कार्यक्रम में शामिल भी हो सकती हूं. इसी के साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि अगर बाबरी मस्जिद को लेकर भी समारोह होता है तो वो उसका भी स्वागत करतीं.
-भारत एक्सप्रेस
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