
कनाडा के पूर्व सांसद चंद्र आर्य ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा आते हैं, तो उन्हें स्वागत कर गर्व होगा. उन्होंने भारत को “अहम और अनिवार्य साझेदार” बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को और गहरा और संरचित बनाने की जरूरत है.
चंद्र आर्य ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा, “15 से 17 जून के बीच होने वाले G7 सम्मेलन के लिए अगर प्रधानमंत्री मोदी कनाडा आते हैं तो उनका स्वागत करना मेरे लिए गर्व की बात होगी. जब मैं पिछली जुलाई में पीएम मोदी से मिला था, तो मैंने बताया था कि भारत और कनाडा साझा मूल्यों जैसे लोकतंत्र, बहुलता और नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था से जुड़े हुए हैं.”
It would be my pleasure to welcome @narendramodi to Canada for the G7 meeting during June 15-17.
When I met @narendramodi last July, I emphasized that Canada and India are united by shared values—democracy, pluralism, and a rules-based international order.
India, an… https://t.co/DPeCWdCI5k pic.twitter.com/abq1lbjmWB— Chandra Arya (@AryaCanada) June 7, 2025
भारत की वैश्विक भूमिका को बताया महत्वपूर्ण
उन्होंने आगे कहा, “भारत आज वैश्विक मंच पर एक उभरती हुई शक्ति है. उसकी रणनीतिक, आर्थिक और जनसंख्या से जुड़ी भूमिका लगातार बढ़ रही है. भारत, कनाडा के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में और विश्व स्तर पर एक अनिवार्य साझेदार है. कनाडा के लिए यह ज़रूरी है कि वह भारत के साथ व्यापार, निवेश, नीतियों और नागरिक समाज को लेकर एक मजबूत और स्पष्ट ढांचा बनाए.”
इसी दिन कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भी बयान दिया कि G7 में भारत की उपस्थिति ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि सम्मेलन में ऊर्जा, सुरक्षा, डिजिटल भविष्य और जरूरी खनिजों जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें भारत की भागीदारी महत्वपूर्ण है.
भारत-कनाडा संबंधों में नया मोड़ संभव
कार्नी ने कहा, “भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे अधिक आबादी वाला देश है. वह कई वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं का मुख्य हिस्सा है. इसलिए भारत का इन चर्चाओं में होना जरूरी है.”
उन्होंने यह भी बताया कि G7 अध्यक्ष के रूप में वह अन्य देशों से भी परामर्श करेंगे ताकि भारत जैसे अहम देशों को चर्चा में शामिल किया जा सके. यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आई थी. जून 2023 में खालिस्तान समर्थक और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे.
कनाडा ने दावा किया था कि इस हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ है. भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था. इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के वरिष्ठ राजनयिकों को देश से निकाल दिया था. अब G7 सम्मेलन में भारत को शामिल करने की कोशिशें दोनों देशों के बीच संबंधों में नई शुरुआत का संकेत दे सकती हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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