सुप्रीम कोर्ट.
गाजीपुर नाले में महिला और उसके तीन साल के बेटे की मौत के मामले में दायर याचिका पर हाई कोर्ट 5 अगस्त को सुनवाई करेगा. याचिका में डीडीए, दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है और याचिका में डीडीए के ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
तत्काल सुनवाई की हुई थी मांग
दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है. हालांकि याचिकाकर्ता की ओर से तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. यह याचिका मयूर विहार फेज तीन के निवासी झुन्नू लाल की ओर से दायर की गई है. याचिका में पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की गई है.
याचिका में की गई हैं ये मांगें
याचिका में कहा गया है कि बारिश के कारण दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने और उसे कम करने के लिए नीतियां बनाने और अपनाने के लिए प्रतिवादियों को निर्देश जारी करें और दिल्ली के सभी खुले नालों को तत्काल प्रभाव से ढकने का निर्देश दें. याचिका में अधिकारियों को दिल्ली में जारी सभी नाली निर्माण परियोजनाओं का व्यापक ऑडिट करने, बैरिकेड्स, चेतावनी संकेत और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सहित उचित सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की मांग की गई है. याचिका में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और घटना की जांच शुरू करने के निर्देश देने की मांग की गई है.
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बता दें कि तनुजा (22) और उसका 3 साल का बेटा प्रियांश पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर इलाके में एक साप्ताहिक बाजार गए थे. उसी दौरान नाले में गिर गए थे. यह घटना करीब रात 8 बजे खोड़ा कॉलोनी इलाके के पास हुई. वहाँ पर सड़क किनारे नाले का निर्माण कार्य चल रहा था.
-भारत एक्सप्रेस
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