
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने पूरे देश में 24×7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHCs) और प्रथम रेफरल यूनिट (FRUs) स्थापित करने का निर्णय लिया है.
मार्च 2024 तक, 12,348 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 24×7 सेवाएं देने में तब्दील कर दिया गया है. इसके साथ ही, 3,133 प्रथम रेफरल यूनिट्स को भी चालू कर दिया गया है. इसके अलावा, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (MMUs) की संख्या में भी वृद्धि हुई है. अब 1,424 MMUs देश के दूरदराज और कम सेवा वाले इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रही हैं. यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दी गई.
देशभर में 30,000 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHCs) कार्यरत हैं. ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक 30,000 लोगों और पहाड़ी, जनजातीय व रेगिस्तानी क्षेत्रों में प्रत्येक 20,000 लोगों के लिए एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया गया है.
डॉ. विनय अग्रवाल का बयान
भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के डॉ. विनय अग्रवाल ने इस पहल को सराहा. उन्होंने कहा कि 24×7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन एक बड़ा कदम है, खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “सांप के काटने जैसी आपात स्थितियों में मौतें इसलिए होती हैं क्योंकि मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते. अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ही चिकित्सा सुविधा मिलेगी, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. इसी तरह, मातृ और शिशु स्वास्थ्य के लिए यह सेवा बहुत लाभदायक होगी.”
डॉ. अग्रवाल ने यह भी कहा कि इन सुविधाओं को बेहतर बनाए रखने की आवश्यकता है. इसके लिए पर्याप्त स्टाफ, दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उपलब्धियां
सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन में बढ़ोतरी को बड़ी उपलब्धि बताया. वित्तीय वर्ष 2021-22 में NHM के जरिए 2.69 लाख अतिरिक्त स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की गई. इनमें जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर, विशेषज्ञ, स्टाफ नर्स, एएनएम, आयुष डॉक्टर, सहयोगी स्वास्थ्यकर्मी और पब्लिक हेल्थ मैनेजर्स शामिल हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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