Bharat Express

Chandrayaan 3: कहां तक पहुंचा चंद्रयान-3? लोकेशन को लेकर ISRO ने दिया बड़ा अपडेट

Chandrayaan 3: इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि एजेंसी ने 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम 5.47 बजे चंद्रमा की सतह पर “तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण” सॉफ्ट-लैंडिंग की योजना बनाई है. 

Chandrayaan-3

चंद्रयान-3

Chandrayaan 3: भारत ने चांद को छूने की तरफ एक कदम और बढ़ा दिया है. इसरो (ISRO) ने बीते शुक्रवार श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2.35 मिनट पर चंद्रयान-3 को लॉन्च किया है. इसके 23 अगस्त शाम 5.47 मिनट पर चांद की सतह पर पहुंचने का अनुमान है. चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल रही थी और अब यह चांद की सतह को चूमने के अपने मिशन पर निरतंर आगे बढ़ रहा है. इस बीच इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-3 को लेकर एक बड़ा अपडेट दिया है. इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 ने दूसरा ऑर्बिट-रेजिंग मैनूवर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.

इसरो ने बताया, ‘‘अंतरिक्ष यान अब 41603 किलोमीटर X 226 किलोमीटर की कक्षा में है. अगला चरण मंगलवार अपराह्न दो बजे से तीन बजे के बीच प्रस्तावित है.” चंद्रयान-3 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. चांद की सतह पर अमेरिका, रूस और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं लेकिन उनकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर नहीं हुई थी.

अगर इसरो का 600 करोड़ रुपये का चंद्रयान-3 मिशन चार साल में अंतरिक्ष एजेंसी के दूसरे प्रयास में लैंडर को उतारने में सफल हो जाता है, तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा.

ये भी पढ़ें:  Chandrayaan-3 Purpose: चांद पर पहुंचने के बाद वहां क्या खोजेंगे चंद्रयान के ‘विक्रम’ और ‘प्रज्ञान’? अरबों साल से अंधेरे में डूबा है वो इलाका

भारत का तीसरा मून मिशन है चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि एजेंसी ने 23 अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम 5.47 बजे चंद्रमा की सतह पर “तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण” सॉफ्ट-लैंडिंग की योजना बनाई है.  इसके पहले, 2019 में चंद्रयान-2 ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया था. उस वक्त लैंडर ‘विक्रम’ की हार्ड लैंडिंग हो गई थी और तब भारत इतिहास रचने से चंद कदम दूर रह गया था. लेकिन चंद्रयान-3 के साथ चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग को लेकर इसरो ने अबकी खास तैयारी की है. बता दें कि चंद्रयान-1 मिशन को 2008 में भेजा गया था. इस तरह से पंद्रह सालों में इसरो का यह तीसरा मून मिशन है.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read