छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय.
Chhattisgarh anti conversion Law provisions: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून विधानसभा में पेश करने वाली है. शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में इसकी जानकारी दी. अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं. पिछली सरकार के दौरान धर्मांतरण को खुब संरक्षण मिला. इस दौरान अवैध धर्मांतरण से जुड़े 34 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं. जबकि 3400 से अधिक शिकायते भी मिली हैं.
भाजपा नेताओं की मानें तो धर्मांतरण के वास्तविक आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हैं. ऐसे में धर्मांतरण के कारण जनसांख्यिकी में लगातार परिवर्तन हो रहा है. कानून बनने के बाद धर्मांतरण पर रोक लग सकती है. वहीं नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि बिना विचार विमर्श किए धर्मांतरण कानून लाया जा रहा है. संविधान की नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. बाबा साहेब के बनाए संविधान को ताक पर रखकर सरकार यह कानून ला रही है.
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नये धर्मांतरण कानून में होंगे ये प्रावधान
1. कोई भी व्यक्ति जो धर्म परिवर्तन करना चाहता है उसे 60 दिन पहले व्यक्तिगत विवरण के साथ एक फाॅर्म मजिस्ट्रेट के पास जमा कराना होगा.
2. जिले के डीएम इस फाॅर्म की काॅपी अपने कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेंगे.
3. धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति के परिजनों को अगर कोई आपत्ति है तो वे नजदीकी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा सकेंगे.
4. इस मामले की सुनवाई सत्र अदालत में होगी. दोषियों को कम से कम 2 साल और अधिकतम 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा.
5. अवैध सामूहिक धर्म परिवर्तन की स्थिति में दोषियों को कम से कम 3 साल की सजा और अधिकतम 10 साल की जेल होगी. वहीं 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा.
6. यह कानून उन लोगों पर लागू नहीं होगा जो पुनः अपने धर्म में वापसी करना चाहते हैं.
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