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लोकसभा चुनाव से पहले ही लागू होंगे Citizenship Amendment Act, मोदी सरकार ने कर ली है पूरी तैयारी

27 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है. उन्होंने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था.

Citizenship Amendment Act

Citizenship Amendment Act

Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नियम को लोकसभा चुनाव से पहले ही लागू किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से तैयारी की जा रही है. इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही अधिसूचित किया जाएगा. विधेयक को दिसंबर 2019 में संसद द्वारा मंजूरी दे दी गई थी. विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की मांग की गई थी. दिसंबर 2019 को लोकसभा और दो दिन बाद राज्यसभा से पास होने के बाद 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने सहमति दी थी.

जल्द जारी किए जाएंगे CAA के नियम

बता दें कि कानून पारित होने के तुरंत बाद से देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. अधिनियम के कार्यान्वयन के नियमों को कभी भी अधिसूचित नहीं किया गया और सरकार ने नियम बनाने के लिए बार-बार विस्तार की मांग की. एक पदाधिकारी ने कहा, “हम जल्द ही सीएए के लिए नियम जारी करने जा रहे हैं. एक बार नियम जारी होने के बाद, कानून लागू किया जा सकता है और पात्र लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.” चार साल से अधिक की देरी के बाद, सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियम जरूरी हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या नियमों को अगले लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले अधिसूचित किया जाएगा? अधिकारी ने कहा, “हां, उससे काफी पहले.” अधिकारी ने कहा, “नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. आवेदकों को उस वर्ष की घोषणा करनी होगी जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था. आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा.”

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CAA के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता

27 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है. उन्होंने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था. कोलकाता में पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सीएए को लागू करना भाजपा की प्रतिबद्धता है. ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सीएए का विरोध कर रही है.

बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान CAA भाजपा का एक प्रमुख चुनावी मुद्धा था. संसदीय प्रक्रियाओं की नियमावली के अनुसार, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए. 2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समितियों से नियमित अंतराल में एक्सटेंशन लेता रहा है.

इस बीच, पिछले दो वर्षों में, 9 राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं. गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के इन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई.

-भारत एक्सप्रेस

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