![CM Nitish Kumar meet Governor in Patna](https://bharatexpress.com/wp-content/uploads/2024/01/CMNitishKumarmeetGovernorinPatna-ezgif.com-jpg-to-webp-converter.webp)
राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे सीएम नीतीश कुमार.
CM Nitish Kumar meet Governor in Patna: बिहार में एक बार फिर सियासी पारा बढ़ गया है. सीएम नीतीश कुमार अचानक बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मिलने राजभवन पहुंचे. सीएम के साथ जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी भी थे. सीएम नीतीश कुमार आज सुबह एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसके बाद वे राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंच गए. सीएम का अचानक राज्यपाल से मिलना सियासी पंडितों को रास नहीं आ रहा है. उनकी इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
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#WATCH पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 128वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/q30282eRiS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 23, 2024
राज्यपाल के पास जाने से पहले उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी. जेडीयू ने ऑफिसियल अकाउंट पर पोस्ट किया समरथ सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पटना में एक समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राजेंद्र आर्लेकर, सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चैधरी समेत पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
जानकारी के अनुसार सीएम ने राज्यपाल से करीब 40 मिनट तक बातचीत की. सूत्रों की मानें तो सीएम ने प्रस्तावित बजट सत्र को लेकर राज्यपाल से चर्चा करने पहुंचे थे. हालांकि पटना के सियासी जानकारों की मानें तो नीतीश एक बार फिर एनडीए में जा सकते हैं. पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे अब भी खुले हैं? इस पर जवाब देते हुए शाह ने कहा कि प्रस्ताव आएगा तो विचार करेंगे.
जानें नीतीश कुमार ने कब-कब बदला पाला?
साल 1994 में लालू यादव के साथ मिलकर सरकार चला रहे नीतीश ने बगावत की थी. इसके बाद जाॅर्ज फर्नांडीज के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया था.
साल 2013 में जब भाजपा ने पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया तब नीतीश ने एनडीए ने किनारा कर लिया था.
2015 में नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था. तब महागठबंधन ने भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई थी.
2017 में भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों पर मतभेद के चलते उन्होंने आरजेडी से नाता तोड़ फिर एनडीए में शामिल हो गए.
2022 में नीतीश ने एक बार फिर अंतरात्मा की आवाज सुनकर एनडीए छोड़ दिया. हालांकि इस बार उन्होंने कहा कि वे मर जाएंगे लेकिन फिर कभी भाजपा से गठबंधन नहीं करेंगे. देखते हैं नीतीश कुमार की यह प्रतिज्ञा कितने दिन टिक पाती है?