बच्चों के बीच एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हृदय रोग से लड़ कर जीतने वाले बच्चों के चेहरे पर स्वास्थ्य की मुस्कान देखकर अकल्पनीय आनंद का अनुभव हो रहा है। चौहान आज जबलपुर में जिला प्रशासन, रेडक्रॉस सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल के सामने कुचैनी परिसर में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के लाभार्थी बच्चों से सम्वाद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में योगदान देने वाले जन-प्रतिनिधि, चिकित्सक औरपैरा
मुख्यमंत्री ने पूछा, प्यारे बच्चों अब सब ठीक है
मुख्यमंत्री चौहान मंच से सीधे उन बच्चों के बीच पहुँच गए, जो मुख्यमंत्री बाल उपचार योजना के माध्यम से स्वस्थ हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चों से पूछा कि अब सब ठीक है, इलाज अच्छे से हुआ कि नहीं और अब कोई तकलीफ तो नहीं है। बच्चों ने एक स्वर में “थैंक्यू मामा जी” कहा। बच्चों ने चौहान को खुश होकर जवाब दिये।
मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना में जबलपुर जिले में वर्ष 2021 से अब तक 199 बच्चों के हृदय का निःशुल्क उपचार हुआ है। वहीं मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में योजना में जबलपुर संभाग के करीब 550 बच्चों का उपचार किया गया है।
कार्यक्रम में सांसद राकेश सिंह, राज्य सभा सदस्य सुमित्रा वाल्मीकि, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉक्टर जितेंद्र जामदार, विधायक अजय विश्नोई, नन्दिनी मरावी, सुशील तिवारी, अशोक रोहाणी, लखन घनघोरिया और विनय सक्सेना, नगर निगम अध्यक्ष रिंकूज विज, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल सहित अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों का किया सम्मान
मुख्यमंत्री चौहान ने योजना में बच्चों के इलाज में महती भूमिका निभाने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.एल. उमा महेश्वर, कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर सुदीप चौधरी, नि:चेतना विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील जैन एवं डॉक्टर राजीव बड़ेरिया को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री चौहान को कलेक्टर एवं जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष सौरभ कुमार सुमन तथा समिति के उपाध्यक्ष मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल के संचालक सौरभ बड़ेरिया ने स्मृति-चिन्ह भेंट किया।
बच्चों को पौष्टिक भोजन देने सरकार और समाज मिलकर कार्य करें :मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्चों के लिए
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि “परहित सरस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई”। परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। अन्य लोगों की पीड़ा को अनुभव कर उसे कम करने का प्रयास करना ही मनुष्य धर्म है। बच्चों को शुद्ध, ताजा और गरम भोजन मिल जाए तो उससे उन्हें पोषण भी मिलता है, जो शरीर को स्वस्थ बनाता है। शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को भोजन और और पौष्टिक सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए अन्य संस्थाएँ भी आगे आएंगी तो उनका भी स्वागत
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा
-भारत एक्सप्रेस
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