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Sachin Pilot: राजस्थान में एक बार फिर चुनाव से पहले ही सियासी हलचल तेज हो गई है और वजह वही है कांग्रेस का आपसी गृहकलेश. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यहां तक की वह आज (मंगलवार) से अपनी ही पार्टी के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं. एक तरफ सीएम गहलोत पार्टी को जिताने के लिए प्रदेश में अलग-अलग योजनाएं चला रहे हैं तो वहीं सचिन पायलट के तेवर उनकी चुनावी रणनीतियों पर पानी फेर सकते हैं.
हालांकि, कांग्रेस पार्टी की तरफ से सीएम अशोक गहलोत का समर्थन किया गया है. कई वरिष्ठ नेताओं ने सचिन पायलट के इस स्टेप को पार्टी विरोधी बताया है. जिसमें जयराम रमेश का नाम भी शामिल है. बता दें कि सचिन पायलट मंगलवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर सुबह 11 बजे अपना अनशन शुरू करेंगे.
पिछली सरकार के भ्रष्टाचार पर अपनी पार्टी की राज्य सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ राजस्थान के नेता सचिन पायलट के अनशन से कुछ घंटे पहले कांग्रेस के राज्य प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोमवार को उनके आंदोलन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताया. उन्होंने कहा कि पायलट का आज (मंगलवार) दिन भर का उपवास पार्टी हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है. अगर उनकी अपनी सरकार के साथ कोई समस्या है, तो मीडिया और जनता के बजाय पार्टी मंचों पर चर्चा की जा सकती है.
रंधावा ने आगे कहा, मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी का प्रभारी हूं और पायलट ने कभी भी मेरे साथ इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की. मैं उनके संपर्क में हूं और मैं अभी भी शांत बातचीत की अपील करता हूं, क्योंकि वह कांग्रेस के लिए एक निर्विवाद संपत्ति हैं.
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत के साथ राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाएं लागू की हैं और कई नई पहल की हैं, जिसने लोगों को गहराई से प्रभावित किया है.
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की शिकायत है कि प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) ने उन तमाम भ्रष्टाचार के मुद्दों पर साढ़े चार साल में कोई कार्रवाई नहीं की जिनके आधार पर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई थी. इसमें बीजेपी सरकार में हुए खान घोटाला और बजरी माफियाओं के मामले शामिल हैं. उनका कहना है कि विपक्ष में रहते हुए हमने जनता से वादा किया था कि 45,000 करोड़ रुपये के खदान घोटाले की जांच कराई जाएगी.
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