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Lok Sabha Election 2024: विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में हार का मुंह देखने वाली कांग्रेस फिलहाल लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारी में जुट गई है और यूपी में इसको लेकर प्लान भी बना डाला है. उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन तलाश रही कांग्रेस अब सपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की जुगत भिड़ा रही है और लोकसभा चुनाव से पहले मुसलमानों को रिझाने की नई योजना बना रही है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अब इस कोशिश में है कि मुस्लिम समाज सपा और बसपा को छोड़कर 1989 के पहले जैसी स्थिति में आ जाए. इसीलिए कांग्रेस अब अपने पाले में मुस्लिम धर्मगुरुओं को शामिल करने की कोशिश में जुट गई है. पार्टी सूत्रों की मानें तो इनसे पार्टी सम्पर्क भी साध रही है. ताकि लोकसभा चुनाव की नैया पार लग सके. बता दें कि अगर कांग्रेस अपने प्लान में कामयाब हो जाती है तो यूपी में भाजपा 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगी.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से संपर्क साधने का काम शुरू भी कर दिया है. ताकि धर्मगुरुओं के सहारे प्रदेश के हर मुसलमान तक पहुंचा जा सके. इसको लेकर अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने बताया कि मुस्लिम धर्मगुरुओं को पत्र लिखकर लामबंद किया जा रहा है. इसी के साथ ही मुसलमानों की सोच को बदलने की कोशिश भी की जा रही है. शाहनवाज आलम ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, मुस्लिम वोटबैंक के सहारे सपा सत्ता का स्वाद चख चुकी है, लेकिन मुस्लिम समाज को जो अधिकार मिलना चाहिए था वो सपा शासनकाल में नहीं मिला. अब मुसलमानों को सत्ता में भागीदारी कांग्रेस के साथ जुड़ने से मिल पाएगी. इसीलिए मुस्लिम समाज को कांग्रेस साथ लेकर चलना चाहती है. मिली जानकारी के मुताबिक यूपी कांग्रेस का अल्पसंख्यक विभाग यूपी के करीब 1000 से अधिक उलेमाओं को पत्र भेजने की कवायद कर रहा है. ताकि लोकसभा चुनाव से पहले मुस्लिम समाज को साधा जा सके.
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पत्र में याद दिलाई गई है पुरानी बातें
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस द्वारा जो पत्र उलेमाओं को भेजा जा रहा है, उसमें बताया गया है कि मुसलमानों की एकजुटता से कांग्रेस का एकक्षत्र राज हुआ करता था. असम से लेकर राजस्थान, महाराष्ट्र, पांडिचेरी जैसे राज्यों में अलग-अलग समय पर मुस्लिम मुख्यमंत्री भी कांग्रेस ने बनाए. पत्र में ये भी कहा गया है कि, उस वक्त मुसलमानों की राजनीति सकारात्मक होती थी. इसलिए सत्ता में भागीदारी भी मिलती थी. इसी के साथ ही पत्र में सलाह देते हुए ये भी कहा गया है कि, मुसलमान को सत्ता में हिस्सेदारी पाने के लिए किसी को हराने की राजनीति से हटकर किसी को जिताने की राजनीति पर काम करना होगा. इसी के साथ पत्र में मुसलमानों को सत्ता में आने पर भाजपा को जो नुकसान होगा, इसका भी जिक्र किया गया है और कहा गया है कि खराब हालात की जिम्मेदार भाजपा से ज्यादा मुसलमान खुद होंगे.
-भारत एक्सप्रेस