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Congress: अडानी मामले को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से बीजेपी पर हमलावर है. पार्टी लगातार केंद्र सरकार से अडानी समूह की JPC द्वारा जांच करने की मांग कर रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार बीजेपी से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से सवाल पूछे रहे है. कांग्रेस ने सदन से लेकर सड़क तक इस मामले को उठाया है. अडानी पर मचे बवाल को लेकर कई बार संसद की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा है. वहीं इसी सिलसिले में आज गुरुवार को दिल्ली में संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्षी सांसदों ने संसद से विजय चौक तक ‘तिरंगा मार्च’ निकाला. विपक्ष के तिरंगा मार्च में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिय गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमात कई बड़े नेता शामिल हुए.
कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि अडानी महाघोटाले पर मोदी सरकार JPC का गठन नहीं करना चाहती है. इसी मांग को लेकर संसद से विजय चौक तक तिरंगा मार्च जारी है.
डानी मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “हमारा सामूहिक मुद्दा था कि अडानी को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है? अडानी की संपत्ति केवल 2.5 साल में 12 लाख करोड़ कैसे हुई? उन्होंने सरकार का पैसा और संपत्ति खरीदी है. क्यों मोदी जी एक ही व्यक्ति को इतनी चीजें दे रहे हैं? जब भी हम नोटिस देते थे और उस पर चर्चा की मांग करते थे तब वे हमें बोलने नहीं देते थे. ऐसा पहली बार हुआ है, मैंने 52 सालों में ऐसा कभी नहीं देखा. यहां 2 साल से मैं देख रहा हूं कि खुद सत्तारूढ़ पार्टी के लोग विघ्न डालते हैं.”
कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा कि “किन-किन देशों के प्रधानमंत्रियों और उद्योगपतियों से वे(अडानी) मिले? इस पर चर्चा होनी चाहिए. हम JPC की मांग कर रहे हैं. इसमें उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला था. उनके पास बहुमत है तो ज्यादा लोग आपके रहेंगे. इसके बावजूद वे(भाजपा) JPC से क्यों डर रहे हैं.”
वहीं अडानी मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ने इस बजट को चर्चा में नहीं लाने का पूरा प्रयास किया. मोदी सरकार लोकतंत्र की बहुत बातें कहती है लेकिन जो कहती है उसके तहत चलती नहीं हैं. 50 लाख करोड़ का बजट केवल 12 मिनट में पास किया गया है. वे हमेशा कहते रहे कि विपक्ष को दिलचस्पी नहीं है लेकिन विघ्न तो सरकार की तरफ से हुआ है.
अडानी मुद्दे की जेपीसी जांच की मांग को लेकर उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ना हमारा काम है. उन्होंने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार अगर नहीं मानती है तो ये हठधर्मी सरकार है.राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि लोकतंत्र को अगर आप जिंदा रखना चाहते हैं तो विपक्ष की बात भी सुननी पड़ेगी. सरकार को हमेशा सकारात्मक रहते हुए प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
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