बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन
आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या मामले में रिहा हुए आनंद मोहन के खिलाफ दायर याचिका पर आज (4 मार्च) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये विस्तृत सुनवाई का मामला है, जबकि सोमवार को नए मामलों की सुनवाई होती है. सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिकता के आधार पर मामले को जल्द लिस्टेड करने का भरोसा दिया.
पासपोर्ट जमा करने के दिए थे आदेश
इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह को तुरंत अपना पासपोर्ट जमा करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही कहा था कि स्थानीय पुलिस थाने में हर 15 दिन पर आनंद मोहन रिपोर्ट करें. बता दें कि मारे गए आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की पत्नी ने आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ कर रही है.
14 साल बाद रिहा हुए थे आनंद मोहन
गौरतलब है कि IAS जी. कृष्णैया की हत्या मामले में बाहुबली आनंद मोहन 14 साल से जेल में थे. जिन्हें पिछले साल अप्रैल महीने में सहरसा जेल से रिहा किया गया था. तब कहा गया था कि आनंद मोहन को बाहर लाने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव किया था.
सरकार ने दिया था ये जवाब
पिछले महीने 6 फरवरी को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद मोहन को अपना पासपोर्ट जमा करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही कहा था कि हर 15 दिनों में स्थानीय थाने पर आनंद मोहन रिपोर्ट करेंगे. 11 अगस्त, 2023 को कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि पिछले साल 11 अगस्त को शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार से पूछा था कि पूर्व सांसद के साथ ऐसे कितने दोषियों को सजा में छूट दी गई है, जिन्हें ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों की हत्या के मामलों में दोषी ठहराया गया था. बिहार सरकार ने अदालत को बताया था कि आनंद मोहन समेत कुल 97 दोषियों को एक साथ समय से पहले रिहा किया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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