फोटो-सोशल मीडिया
Jhansi News: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां एक दुल्हा अनोखी बारात लेकर पहुंचा तो उसे देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा. दुल्हन की विदाई का अनोखा तरीका पूरे बुंदेलखंड के घर-घर में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल यहां पर एक किसान परिवार ने शादी को अनोखा बनाने और पुराने रीति-रिवाजों व परम्पराओं को याद दिलाने के लिए भारी बारिश के बीच बैल गाड़ियों से बारात लेकर पहुंचे. तो वहीं 4 किलोमीटर लम्बे इस जुलूस को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े.
मामला झांसी के सीपरी बाजार थाना इलाके के अंतर्गत शिवपुरी रोड से सामने आया है. यहां स्थित राम जी विवाह घर का ये मामला है. भारी बारिश और ओलावृष्टि के बीच यहां हुई शादी चर्चा का विषय बन गई है. दूल्हा अपनी दुल्हन को विदा करने के लिए किसी लग्जरी कार या फिर हैलीकॉप्टर में नहीं पहुंचा बल्कि बैल गाड़ियों के काफिले के साथ गेस्ट हाउस पहुंचा. ये काफिला 4 किलोमीटर लंबा था. तो वहीं जब दूल्हा दुल्हन को लेकर विदा होने लगा और दुल्हन किसी कार में बैठने के बजाए बैलगाड़ी में बैठी तो सैकड़ों लोग इस अनोखी विदाई को देखने के लिए उमड़ पड़े. दूल्हा और दुल्हन दोनों बैलगाड़ी से विदा होकर गेस्ट हाउस से रवाना हुए.
चाचा बने सारथी
दूल्हे की बैलगाड़ी के सारथी दूल्हे के चाचा बने. उन्होंने कहा कि, आधुनिक युग में पुरानी परंपराएं दिन पर दिन खोती जा रही हैं. इसीलिए अपनी परम्परा को जीवित करने का प्रयास करते हुए ही बैलगाड़ी में बारात लेकर पहुंचे और दुल्हन को इसी से विदा कराकर घर ले जा रहे हैं. शादी के बाद विदाई समारोह को यादगार बनाते हुए किसान के बेटे ने अपनी दुल्हन को विदाई के लिए जो तरीका अपनाया उसने खेती किसानी की पुरानी परंपरा को याद करने के साथ-साथ आज से तकरीबन 4 से 5 दशक पहले होने वाली दुल्हन की विदाई की यादों को ताजा कर दिया. लोग दूल्हे के इस कार्य की जमकर तारीफ कर रहे हैं. दूल्हे के पिता ने इस सम्बंध में कहा कि, उन्होंने अपने बेटे के सामने दुल्हन की विदाई बैलगाड़ी से करवाने की बात रखी थी, जिसे उसने मान लिया.
-भारत एक्सप्रेस
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