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बदलापुर यौन शोषण मामले में क्राइम ब्रांच की कार्रवाई, स्कूल का अध्यक्ष और सचिव गिरफ्तार

Badlapur Exploitation Case: बदलापुर यौन शोषण मामले में ठाणे क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई की. क्राइम ब्रांच ने स्कूल के अध्यक्ष उदय कोतवाल और सचिव तुषार आप्टे को गिरफ्तार कर लिया है. 

Badlapur Exploitation Case

बदलापुर यौन उत्पीड़न केस.

Badlapur Exploitation Case: बदलापुर यौन शोषण मामले में ठाणे क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई की. क्राइम ब्रांच ने स्कूल के अध्यक्ष उदय कोतवाल और सचिव तुषार आप्टे को गिरफ्तार कर लिया है. ठाणे क्राइम ब्रांच अब दोनों आरोपियों को एसआईटी को सौंप देगी, जो इस पूरे मामले में जांच कर रही है. बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा उदय कोतवाल और सचिव तुषार आप्टे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद ये गिरफ्तारियां हुई है.

दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न

बता दें कि एक सफाई कर्मचारी ने दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया था. इस मामले में मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. जानकारी के अनुसार अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर स्थानांतरित किया जा रहा था. इसी दौरान कथित तौर पर उसने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर गोली चला दी था. पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया था और बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

मुख्य आरोपी शिंदे के एनकाउंटर पर कोर्ट ने भी सवाल उठाया. महाराष्ट्र सरकार से कोर्ट ने कहा था, “हम यह कैसे मान लें कि चार अफसर एक आरोपी को संभाल नहीं पाए. हथकड़ी भी लगी थी, अगर सेल्फ डिफेंस जैसी स्थिति थी तो आरोपी के पैर पर गोली मारते हैं, सिर में नहीं.”

एनकाउंटर की जांच के लिए आयोग का गठन

इस एनकाउंटर की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया गया है. आयोग इस बात की जांच करेगा कि अक्षय शिंदे की मौत कैसे हुई थी और इसके अलावा आयोग इसके कारणों तथा परिणामों का विश्लेषण भी करेगा. आयोग यह जांच करेगा कि क्या कोई व्यक्ति, समूह या संगठन, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस घटना के लिए जिम्मेदार था. आयोग यह जांच करेगा कि पुलिस ने घटना के दौरान क्या उचित उठाए थे और इससे जुड़े सभी पहलुओं की विस्तृत जांच करेगा.

इस मुठभेड़ को लेकर विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी प्रदेश सरकार की आलोचना की. सुप्रिया सुले ने कहा था कि बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में महायुति सरकार का रवैया भयावह है! पहले एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई और अब मुख्य आरोपी की हिरासत में हत्या कर दी गई! यह न्याय प्रणाली की पूर्ण विफलता को दर्शाता है. यह महाराष्ट्र के लोगों को न्याय से वंचित करता है जिसके वे हकदार हैं.



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