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डीबी स्टॉक घोटाले में पुर्कायस्थ और संदीप गुप्ता गिरफ्तार, CBI ने असम से उठाया बड़ा कदम

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए गुवाहाटी से पुष्पजीत पुर्कायस्थ और संदीप गुप्ता को गिरफ्तार किया है. यह घोटाला 400 करोड़ रुपये का है जिसमें देशभर के 10,000 से अधिक निवेशक प्रभावित हुए हैं.

CBI

सीबीआई.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने 13 अप्रैल 2025 को डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी घोटाले में दो व्यक्तियों पुष्पजीत पुर्कायस्थ और संदीप गुप्ता को गुवाहाटी से गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया है कि दोनों की इस घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसे गुवाहाटी में दीपांकर बर्मन द्वारा संचालित किया गया था.

पुष्पजीत पुर्कायस्थ, जो एक्सिस बैंक की रहबाड़ी शाखा के पूर्व शाखा प्रबंधक रह चुके हैं, पर आरोप है कि उन्होंने डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी के साथ मिलकर आम जनता से धोखाधड़ी कर धन एकत्रित किया. उन्होंने बैंक ग्राहकों और निवेशकों को गुमराह करते हुए उन्हें आकर्षक और निश्चित रिटर्न का झांसा देकर इस योजना में निवेश के लिए प्रेरित किया.

संदीप गुप्ता की भूमिका और धन जुटाने का तरीका

जांच में यह भी सामने आया है कि उन्होंने मास्टरमाइंड दीपांकर बर्मन के साथ मिलकर इस फर्जी योजना के माध्यम से भारी कमीशन के रूप में अवैध लाभ अर्जित किया. उन्होंने मुंबई और गुवाहाटी के ग्राहकों को इस योजना से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई.

संदीप गुप्ता, जो डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी के मुख्य एजेंट और एग्रीगेटर थे, पर आरोप है कि उन्होंने भी दीपांकर बर्मन और अन्य के साथ मिलकर इस अवैध जमा योजना को संचालित किया. उन्होंने डिब्रूगढ़ क्षेत्र से 350 से अधिक ग्राहकों को योजना से जोड़ा और उनसे भारी मात्रा में धनराशि जुटाई. जांच में पाया गया है कि उन्होंने इस कार्य के बदले में लाखों रुपये की कमीशन प्राप्त की.

घोटाले का पैमाना और निवेशकों को हुए नुकसान की राशि

सीबीआई इस घोटाले के मुख्य आरोपी दीपांकर बर्मन के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. उनके साथ उनकी मंगेतर मोनालिशा दास, माता-पिता चबिन बर्मन और दीपाली बर्मन, तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश अग्रवाल को भी इस घोटाले में आरोपी बनाया गया है.

डीबी स्टॉक के मालिक दीपांकर बर्मन पर देशभर के 10,000 से अधिक लोगों को लगभग 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से नुकसान पहुंचाने का आरोप है. उन्होंने निवेशकों को फर्जी और असंगठित योजना के तहत उच्च रिटर्न का झांसा देकर निवेश करवाया और बाद में उनका पैसा वापस नहीं किया. सीबीआई की कार्रवाई इस मामले में बड़ा मोड़ मानी जा रही है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं.

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-भारत एक्सप्रेस 



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