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रक्षा निर्यात एक दशक में 2,000 करोड़ से बढ़कर 21,000 करोड़ पार, 2029 तक 50,000 करोड़ का लक्ष्य: रक्षा मंत्री

मध्य प्रदेश के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान दो सौ साल से भी अधिक पुराने महू छावनी में आर्मी वॉर कॉलेज (AWC) में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अधिकारियों को संबोधित किया.

Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो फाइल).

मध्य प्रदेश के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान दो सौ साल से भी अधिक पुराने महू छावनी में आर्मी वॉर कॉलेज (AWC) में अधिकारियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का रक्षा निर्यात एक दशक पहले के 2,000 करोड़ रुपये से बढ़कर रिकॉर्ड 21,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है.

सोमवार (30 दिसंबर) को दिए अपने भाषण में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी लगातार विकसित होती दुनिया में फ्रंटियर टेक्नोलॉजी में महारत हासिल करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सैन्य प्रशिक्षण केंद्र भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सैनिकों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

2029 तक 50000 निर्यात करोड़ का लक्ष्य

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारा रक्षा निर्यात, जो एक दशक पहले लगभग ₹2,000 करोड़ था, अब ₹21,000 करोड़ के प्रभावशाली स्तर को पार कर गया है. हमने 2029 तक ₹50,000 करोड़ का निर्यात लक्ष्य रखा है.” उन्होंने यह भी बताया कि मेड-इन-इंडिया उपकरण दूसरे देशों को निर्यात किए जा रहे हैं.

अपने भाषण में राजनाथ सिंह ने युद्ध में आमूलचूल परिवर्तन का उल्लेख करते हुए कहा कि सूचना युद्ध, AI आधारित युद्ध, प्रॉक्सी युद्ध, विद्युत चुम्बकीय युद्ध, अंतरिक्ष युद्ध और साइबर हमले जैसे अपरंपरागत तरीके बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सेना को ऐसे हमलों से लड़ने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सुसज्जित होना चाहिए. उन्होंने महू में प्रशिक्षण केंद्रों के बहुमूल्य योगदान की सराहना की.

सरकार सेनाओं के एकीकरण के लिए समर्पित

रक्षा मंत्री ने प्रशिक्षण केंद्रों की प्रशंसा की और कहा कि वे बदलते परिदृश्य के अनुसार अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को बेहतर बनाने और कर्मियों को किसी भी बाधा का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार तीनों सेनाओं के एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ाने के लिए समर्पित है.

उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे इन्फैंट्री स्कूल में हथियार प्रशिक्षण, मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (MCTE) में एआई और संचार प्रौद्योगिकी और AWC में जूनियर और सीनियर कमांड जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण के माध्यम से एकीकरण को बढ़ावा देने की संभावना का पता लगाएं.

इसके बाद रक्षा मंत्री ने इन्फैंट्री मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं. इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह और जनरल द्विवेदी ने उज्जैन शहर के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की.


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-भारत एक्सप्रेस



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