मृतक चंदन गुप्ता. (फाइल फोटो)
Chandan Gupta Murder Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने शुक्रवार (3 जनवरी) को चंदन गुप्ता हत्याकांड में दोषी ठहराए गए 28 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. चंदन गुप्ता की हत्या 26 जनवरी, 2018 को कासगंज जिले में तिरंगा और भगवा झंडे के साथ बड़ी संख्या में मोटरसाइकिलों की रैली के दौरान की गई थी.
जिला सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी ने शुक्रवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विवेकानंद सरन त्रिपाठी द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद कहा, “NIA अदालत ने चंदन गुप्ता हत्या मामले में सभी 28 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.”
28 आरोपी दोषी, 2 बरी
गुरुवार (2 जनवरी) को NIA की विशेष अदालत ने 28 लोगों को हत्या और हत्या के प्रयास के साथ-साथ राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अपमान की रोकथाम सहित दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया. मामले में दो अन्य आरोपी, नसीरुद्दीन और असीम कुरैशी को बरी कर दिया गया.
चंदन गुप्ता की हत्या 26 जनवरी, 2018 को कासगंज शहर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) सहित हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों के नेतृत्व में तिरंगा और भगवा झंडे के साथ बड़ी संख्या में मोटरसाइकिलों की एक रैली के दौरान हुई थी.
लगाना पड़ा था 7 दिनों का कर्फ्यू
गणतंत्र दिवस के मद्देनजर प्रशासनिक प्रतिबंधों के बावजूद रैली मुस्लिम बहुल बद्दूनगर इलाके में घुस गई, जिससे सांप्रदायिक झड़पें हुईं. अराजकता के बीच, ABVP कार्यकर्ता गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे हिंसा और बढ़ गई, जिसमें कम से कम तीन दुकानें, दो बसें और एक कार को आग लगा दी गई. अशांति के चलते जिला प्रशासन को सात दिनों के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था.
इनको मिली सजा
दोषी ठहराए गए लोगों में सलीम, वसीम, नसीम, जाहिद ‘जग्गा’, आसिक कुरैशी ‘हिटलर’, असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शबाब, राहत, सलाम, मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बबलू, निशु, वसीफ, इमरान, शमशाद, जफर, साकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान कय्यूम, साकिर सिद्दीकी, मुनाजिर रफी और आमिर रफी शामिल हैं.
28 दोषियों में से एक मुनाजिर रफी 3 सितंबर, 2024 को कासगंज की वकील मोहिनी तोमर की हत्या के सिलसिले में पहले से ही जेल में था. बाकी 27 आरोपी जमानत पर बाहर थे. इनमें से 26 ने गुरुवार को और सलीम ने शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर किया.
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 18 गवाह पेश किए और बचाव पक्ष ने 23 गवाह पेश किए. मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह सौरभ पाल अपने बयान से पलट गए.
सुप्रीम कोर्ट का रोक से इनकार
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा हत्या के मामले की सुनवाई करने के फैसले को चुनौती दी गई थी. अधिवक्ता सुभाष बिसारिया और अमोल चित्रवंशी ने कहा, “एक अन्य घटनाक्रम में, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा हत्या के मामले की सुनवाई करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आज याचिका को खारिज करते हुए कहा कि NIA अदालत को मामले की सुनवाई करने का पूरा अधिकार है.”
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-भारत एक्सप्रेस
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