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Sonam Wangchuk के नेतृत्व में ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ की लेह से शुरुआत, इन मांगों को लेकर केंद्र सरकार से करेंगे अपील

लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) द्वारा आयोजित ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का उद्देश्य लद्दाख के लोगों की मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करना है.

सोनम वांगचुक दिल्ली चलो पैदल मार्च का नेतृत्व करते हुए

प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में 100 से अधिक स्वयंसेवकों (Volunteers) ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर पैदल मार्च शुरू किया. उनका उद्देश्य केंद्र से चार सूत्री एजेंडे (4 Point Agenda) पर लद्दाख के नेतृत्व के साथ रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने का आग्रह करना है.

लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) द्वारा आयोजित ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का उद्देश्य चार वर्षों से चल रहे आंदोलन को पुनर्जीवित करना है. लद्दाख के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच मार्च में हुई चर्चा बिना किसी निर्णायक नतीजे के समाप्त हो गई.

लेह एपेक्स बॉडी (LAB) पिछले चार वर्षों से कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के सहयोग से एक आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है. LAB और KDA दोनों जिलों में स्थित विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और व्यापारिक गुटों का समूह है.

क्या है 4 सूत्री एजेंडा?

1. लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा.
2. स्थानीय अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान की छठी अनुसूची (6th Schedule) का विस्तार.
3. लद्दाख के लिए एक समर्पित लोक सेवा आयोग के साथ एक सुव्यवस्थित भर्ती प्रक्रिया
4. लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें.

भारत माता की जय और ‘हमें छठी अनुसूची चाहिए’ के ​​नारे गूंजने के साथ ही LAB के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने NDS मेमोरियल पार्क से मार्च की शुरुआत की. सोनम वांगचुक ने उम्मीद जताई कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर दिल्ली पहुंचने पर सरकार सकारात्मक खबर देगी.

सोनम वांगचुक ने क्या कहा?

“यह संतोष की बात है कि समाज के सभी वर्गों के लोग, जिनमें बुजुर्ग, महिलाएं और युवा शामिल हैं, हमारी मांगों के समर्थन में इस मार्च में शामिल हुए हैं. संविधान की छठी अनुसूची और विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है क्योंकि हम अपनी इच्छाओं और आकांक्षाओं के अनुसार क्षेत्र का विकास और प्रबंधन चाहते हैं,” वांगचुक ने कहा. बता दें, कि सोनम वांगचुक ने मार्च में अपनी मांगों के समर्थन में 21 दिनों की लंबी भूख हड़ताल की थी.

उन्होंने कहा कि यह एक जन आंदोलन है और सरकार से बिना किसी हिचकिचाहट के लद्दाखियों की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा साझा कर रहे हैं, जो अपनी तकनीक का बखान कर सकते हैं, लेकिन मैं अपने देश को बताना चाहता हूं कि भारतीयों को लद्दाख के लोगों पर गर्व होना चाहिए जो देश के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार हैं.”

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-भारत एक्सप्रेस



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