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दिल्ली शराब नीति घोटाला कथित मामलें मे आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को SC से फिलहाल नही मिली राहत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद थे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी, जिसकी अवधि 1 जून को खत्म हो रही है.

Delhi Liquor Policy Case CM Arvind

अरविंद केजरीवाल.

दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. जस्टिस जेके महेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इस मामले में फैसला सुरक्षित है. हम कुछ नहीं कर सकते, आप सीजेआई के पास जाइए.

अदालत ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 17 मई को हुई थी और आप नए आवेदन को उचित आदेश के लिए सीजेआई के समक्ष रखें. हम कुछ नहीं कर सकते हैं. हम सूचीबद्ध करने को लेकर भी सुनवाई नहीं कर सकते.

जस्टिस जेके महेश्वरी ने केजरीवाल के वकील से यह भी कहा कि आपने जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के समक्ष आवेदन क्यों नहीं मेंशन किया. (याद रहे कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने वाली बेंच में जस्टिस दत्ता शामिल थे. मौजूदा बेंच का आशय ये था कि आपने नई बेंच मेंशनिंग के लिए क्यों चुनी. ऐसे में मास्टर ऑफ रोस्टर यानी सीजेआई ही जल्द सुनवाई के लिए बेंच तय कर सकते हैं.)

अर्जी में क्या है

केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा है कि जेल जाने के बाद उनका 7 किलो उनका वजन घट गया है और कीटोन लेबल भी काफी बढ़ गया है. मेडिकल जांच करवाना है. उनकी जांच मैक्स के डॉक्टरों ने की है और उन्हें गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते है. मुख्यमंत्री केजरीवाल को PET-CT स्कैन के साथ कई अन्य टेस्ट भी करवाने की जरूरत है.

गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर केजरीवाल ने अपना रिटन सबमिशन दाखिल किया है. वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने केजरीवाल की ओर से दाखिल रिटन सबमिशन में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया है. इसमें कहा गया है कि ईडी के पास गिरफ्तारी के उचित आधार नहीं है. सिर्फ संदेह के आधार पर गिरफ्तारी की गई है. पीएमएलए में गिरफ्तारी के मानक तय हैं, जिसका पालन ईडी ने नहीं किया है. इस मामले में ईडी का कदम संतुलित नहीं है.

धारा 19 के तहत गिरफ्तारी

अर्जी में कहा गया है कि धारा 19 के तहत गिरफ्तारी केवल धारणाओं, अनुमानों, अटकलों पर आधारित नहीं हो सकती. ऐसी सामग्री होना जरूरी है, जिसका स्पष्ट आधार हो‌. संदेह के आधार पर गिरफ्तारी वैध नहीं है. धारा 19 के आधार पर एक ठोस निर्धारण की परिकल्पना की गई है.

केजरीवाल ने अर्जी में कहा है कि ठोस सामग्री होनी चाहिए, तभी गिरफ्तारी की जा सकती है. अगर गिरफ्तारी के कदम में मानकों का पालन नहीं किया जाता. तब इसे अदालत द्वारा अवैध मानकर रद्द किया जा सकता है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद थे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी, जिसकी अवधि 1 जून को खत्म हो रही है. 2 जून को उन्हें सरेंडर करना है.

-भारत एक्सप्रेस



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