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Delhi Excise Policy Case: अभिषेक बोइनपल्ली को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए बोइनपल्ली को अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा था और हैदराबाद की यात्रा के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर न जाने का निर्देश दिया है.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

दिल्ली शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कथित आरोपी हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली (Abhishek Boinpally) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस एम. एम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने अभिषेक बोइनपल्ली को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दिया है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बोइनपल्ली को अंतरिम जमानत दी थी. बोइनपल्ली की अंतरिम जमानत को समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बढ़ाया जाता रहा है.

Abhishek Boinpally को  जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए बोइनपल्ली को अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा था और हैदराबाद की यात्रा के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर न जाने का निर्देश दिया है. बोइनपल्ली को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी ने गिरफ्तार किया था. बोइनपल्ली ने ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. साथ ही जमानत की मांग की थी.

हाई कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती

बोइनपल्ली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को सूचित किया था कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत इस मामले में लागू होगी, क्योंकि ईडी मामले में सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है. सिब्बल ने कहा कि बोइनपल्ली के खिलाफ आरोप यह है कि उन्होंने आरोपियों के बीच धन के हस्तांतरण में माध्यम के रूप में काम किया. बोइनपल्ली ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

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बोइनपल्ली ने अपनी याचिका में कहा है कि धारा 19 का पालन नहीं किया गया था. यह धारा गिरफ्तारी की प्रक्रिया से संबंधित है. बोइनपल्ली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट के हाल के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि ईडी को आरोपी को गिरफ्तारी की वजह लिखित रूप से बतानी चाहिए. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को आबकारी नीति लागू की, लेकिन भ्र्ष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के आखिर में इसे रद्द कर दिया था.

-भारत एक्सप्रेस

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