दिल्ली हाईकोर्ट
Delhi News: हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के शिक्षा निदेशक को अपने पांच स्कूलों का दौरा करने तथा उनकी स्थिति सुधारने को लेकर उठाए जाने वाले सुधारात्मक कदमों के बारे में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. साथ ही सुनवाई 12 सितंबर के लिए स्थगित कर दी.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब उसके समक्ष पेश किए गए एक रिपोर्ट में वहां की कई कमियों को उजागर किया गया था. उस रिपोर्ट में टूटी हुई मेज व कुर्सियां, शिक्षकों की कमी एवं कक्षाओं में पानी भर जाना शामिल है.
पीठ ने प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि छात्रों को 15 अगस्त तक उनकी वर्दी मिल जाए तथा स्कूलों में कुर्सियां वे मेज उपलब्ध करा दी जाएं. याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ के वकील अशोक अग्रवाल ने मंगोलपुरी, कोंडली, कल्याणपुरी, कड़कड़डूमा और खजूरी चौक के एमसीडी प्राथमिक स्कूलों का दौरा करने के बाद कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी थी. उसमें कहा गया कि वहां व्यवस्थाएं बेहद खराब हैं.
रिपोर्ट में टूटे हुए फर्नीचर के अलावा एक स्कूल की कक्षाओं पर टीन की छत होने की बात कही गई है. यह भी बताया गया कि एमसीडी के 17 स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कक्षाओं से भी कम है. वकील ने यह भी दावा किया कि एमसीडी की स्थायी समिति का गठन न होने के कारण फर्नीचर की खरीद के लिए धन आवंटित नहीं किया जा रहा है. एमसीडी स्कूलों के 1.37 लाख से अधिक छात्रों को अभी तक वर्दी नहीं मिली है.
इस पर कोर्ट ने एमसीडी के वकील से सवाल पूछे और बच्चों को सामान उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को सुचारू बनाने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि एमसीडी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि वह 1.37 लाख छात्रों को वर्दी उपलब्ध कराए या उनके खाते में नकदी हस्तांतरित की जाए.
कोर्ट ने कहा कि यह अदालत एमसीडी के शिक्षा निदेशक को निर्देश देती है कि वह पांच स्कूलों का दौरा करें और सुधारात्मक कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें. शिक्षा निदेशक को भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि छात्रों को जल्द से जल्द मेज व कुर्सियां उपलब्ध कराई जाएं.
– भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.