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बिजली का करंट लगने से मरने वाले सब-इंस्पेक्टर की विधवा को 10 लाख रुपये देने का BSES को निर्देश

याचिकाकर्ता के पति अफजल अली 1990 से दिल्ली पुलिस (यातायात) में उप-निरीक्षक के रूप में काम कर रहे थे.

BSES

बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस को 2017 में बिजली का करंट लगने से मरने वाले सब इंस्पेक्टर की विधवा को दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 लाख रुपये का अनुग्रह मुआवजा देने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता के पति अफजल अली की 21 मई, 2017 को बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी. उनकी विधवा शगुफ्ता अली ने आधिकारिक प्रतिवादियों से 50 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था.

न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने फैसले में कहा याचिकाकर्ता को पहले से दिए गए लाभों के मद्देनजर न्यायालय अपने विवेक से बीएसईएस द्वारा याचिकाकर्ता को 10 लाख रुपये का अनुग्रह एकमुश्त मुआवजा देना उचित समझता है.

न्यायमूर्ति कौरव ने 5 सितंबर को पारित अपने फैसले में कहा यह भुगतान याचिकाकर्ता को इस फैसले के पारित होने की तिथि से तीन महीने के भीतर किया जाना चाहिए. उपरोक्त निर्देश का पालन करने में किसी भी विफलता के परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता इस फैसले की तिथि से 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज के भुगतान का हकदार होगा. याचिकाकर्ता ने मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करने का अनुरोध किया है.

हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट के अनुसार मृतक के परिवार को पहले ही पारिवारिक पेंशन लाभ के रूप में 27,96,496 रुपये दिए जा चुके हैं और उन्हें 21 मई, 2027 तक 17,150 रुपये की मासिक पेंशन भी मिल रही है और उसके बाद उन्हें 10,290 रुपये मिलेंगे. हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता सिविल कोर्ट में उचित कानूनी उपाय करने के लिए भी स्वतंत्र है. सक्षम सिविल कोर्ट को ऐसे किसी भी मुकदमे की तारीख से एक वर्ष की अवधि के भीतर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया जाता है.

अदालत ने आगे स्पष्ट किया कि इस न्यायालय द्वारा दी गई अनुग्रह राशि सिविल न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले किसी भी मुआवजे से स्वतंत्र है और इसके अतिरिक्त है. अधिवक्ता सईद कादरी ने साहिल गुप्ता और मोहम्मद शकील के साथ याचिकाकर्ता शगुफ्ता अली की ओर से दलीलें पेश कीं. मामले के तथ्यों से पता चलता है कि याचिकाकर्ता के पति अफजल अली 1990 से दिल्ली पुलिस (यातायात) में उप-निरीक्षक के रूप में काम कर रहे थे.

याचिकाकर्ता और मृतक की शादी वर्ष 1991 में हुई थी और विवाह से तीन बच्चे हुए. 21 मई, 2017 के दुर्भाग्यपूर्ण दिन जब मृतक अपने सबसे छोटे बच्चे के लिए उपहार खरीदने के लिए बाजार गए थे, जहां बारिश शुरू हो गई. वह आश्रय की तलाश में भागा और बारिश से खुद को बचाने की कोशिश करते हुए वह न्यू लाजपत राय मार्केट में एक दुकान के पास स्थित चैनल गेट के संपर्क में आ गया और करंट लगने से उसकी मौत हो गई.

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-भारत एक्सप्रेस

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