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दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी जिला अदालतों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को दिए निर्देश, सभी वॉशरूम का करें निरीक्षण

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) से भी यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी Washroom स्वच्छ व सुरक्षित हों और उसमें सभी सुविधाएं हो.

दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी जिला अदालतों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को निर्देश दिया कि वे सभी Washroom का निरीक्षण कर उसकी कार्यक्षमता, सुरक्षा व स्वच्छता सुनिश्चित करें. क्योंकि महिलाओं समेत सभी के लिए स्वच्छ व सुरक्षित शौचालय जरूरी है.

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) से भी यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी Washroom स्वच्छ व सुरक्षित हों और उसमें सभी सुविधाएं हो. अगर ऐसा नहीं है तो उसे वह जरूरी मरम्मत व सुविधाएं देकर कार्यशील बनाएं. न्यायमूर्ति ने सभी से इस मुद्दे पर दो सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. रिपोर्ट में आवश्यक मरम्मत व सुधार आदि का जिक्र भी किया जाए.यह रिपोर्ट अगली सुनवाई 5 दिसंबर से पहले दाखिल किया जाए.

मामले को गंभीरता से लें

उन्होंने कहा कि महिला वकीलों की सुरक्षा, गोपनीयता और स्वास्थ्य की रक्षा की जानी चाहिए. प्रतिवादियों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस मामले को उतनी ही गंभीरता से लें जितनी कि इसकी आवश्यकता है. इस काम में जरूरत के हिसाब से अन्य नागरिक एजेंसियों से सहयोग लें और उनके साथ समन्वय करें. उन्होंने यह निर्देश महिला वकीलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. वकीलों ने साकेत कोर्ट के वकीलों के चैंबर ब्लाक के Washroom की दयनीय और अस्वच्छ स्थितियों को उजागर किया था.

यह स्थिति महिला वकीलों के लिए चिंताजनक

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वकीलों की ओर से पेश की गई तस्वीरों को देखा और कहा कि वे उपेक्षा की एक खतरनाक स्थिति को दर्शाती है. याचिकाकर्ताओं ने संबंधित अधिकारियों को एक ज्ञापन भी दिया था, जिसमें शौचालय की सीटों का ठीक से काम न करना, पर्याप्त पानी न होना, शौचालय के दरवाज़ों के टूटे होने, लॉकिंग सिस्टम का अभाव आदि का जिक्र किया गया था. कोर्ट ने कहा कि यह स्थिति विशेष रूप से महिला वकीलों के लिए चिंताजनक है, जिनके लिए गोपनीयता और सुरक्षा सर्वोपरि है. उसने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए महिला शौचालयों का निरीक्षण करने के लिए एक अदालत की ओर से आयुक्त नियुक्त किया. आयुक्त से शौचालयों की स्थिति पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. उसमें कमियों की पहचान करने व अपने निष्कषरे के समर्थन में फोटो पेश करने को कहा है. साथ ही उसमें स्थिति को सुधारने के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों की रूपरेखा भी देने को कहा है.

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